कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार 14 नवंबर को कहा कि फ्रांस से रफाल लड़ाकू विमानों की खरीद की जांच होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी के नाम सामने आएंगे। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने दावा किया कि राजग सरकार प्रति विमान 1600 करोड़ रूपये की दर से खरीद रही है, जबकि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय प्रत्येक लड़ाकू विमान की कीमत 526 करोड़ रूपये तय हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि रफाल लड़ाकू विमानों की कीमतों पर उसी स्थिति में चर्चा हो सकती है जब इस सौदे के तथ्यों को सार्वजनिक दायरे में आने दिया जाये।
राहुल ने कहा, ‘‘सीबीआई निदेशक (आलोक वर्मा) ने रफाल सौदे में जांच शुरू की थी। प्रधानमंत्री ने उन्हें रात में 12 बजे हटा दिया। मैं आपको बता रहा हूं, जिस दिन रफाल सौदे की जांच शुरू होगी, दो नाम सामने आएंगे- अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी।’’ फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की यह टिप्पणी कि भारत सरकार ने दसॉल्ट एविएशन के लिए रिलायंस डिफेंस का नाम भागीदार के तौर पर दिया था और फ्रांस के पास विकल्प नहीं था, इस पर राहुल ने कहा कि मोदी ने 58,000 करोड़ रुपये के रफाल सौदे में दसॉल्ट के भागीदार के तौर पर अंबानी की कंपनी का नाम सुझाया।
राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाली हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की जगह अंबानी की ‘अनुभवहीन’ कंपनी को चुना। नये आरोपों पर सरकार या भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है, हालांकि दोनों ने पूर्व में रफाल सौदे पर सभी आरोपों को खारिज किया था। नोटबंदी पर राहुल ने कहा कि नोटबंदी के कारण गरीब लोग परेशान हुए और किसी भी अरबपति या काले धन के चोरों को 500 और 1000 रुपये के नोट को बदलवाने के लिए कतार में खड़ा नहीं होना पड़ा। राहुल ने नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया। उन्होंने कहा, ‘‘इससे (नोटबंदी) बड़ा घोटाला कोई नहीं है। सच सामने आएगा। इससे साबित हो जाएगा कि मोदी ने गरीब लोगों का धन हथियाने और नीरव मोदी, अनिल अंबानी और मेहुल चौकसी जैसे चोरों की जेबों में इसे डालने के लिए यह कदम उठाया।’’