गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी साढ़े 18 फीट के मूंछों वाले रामसिंह चौहान रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रायपुर पहुंचे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री रमन सिंह थे। जब उन्हें पता चला कि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहां मूंछों के सरताज रामसिंह चौहान भी आ रहे हैं तो वे उनसे मिलने के लिए काफी उत्सुक हो गए। लेकिन जब कार्यक्रम में सीएम रमन सिंह मूंछों के सरताज से मिले तो वे काफी हैरान हुए। दरअसल, वे उन्हें पहचान नहीं सके, क्योंकि रामसिंह अपनी मुंछें कपड़ों में लपेटकर आए हुए थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी मुलाकात गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डधारी से हो रही है।

रमन सिंह ने कहा कि वे अपनी मुंछे खोलकर दिखाएं। रामसिंह के कपड़े से मुंछें खोलते ही उन्हें यकीन हो गया कि यही गिनीज वर्ल्ड रिकार्डधारी रामसिंह हैं। बता दें कि रामसिंह ने 1970 से मूंछें नहीं कटवाई हैं। 2010 में जब उनकी मूंछें 14 फीट की थीं, उस समय उनका नाम गिनीज बुक रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था। इस वक्त उनकी मुंछे साढ़े 18 फीट की है। जानकारी के मुताबिक, अभी तक उनका रिकॉर्ड किसी ने नहीं तोड़ा है।

हालांकि, जितनी लंबी उनकी मुंछे हैं उतनी ही कठिनाई उन्हें दैनिक जीवन में होती है। रामसिंह के लिए मूंछों की काफी अहमियत है। वो इसे अपनी पहचान मानते हैं। रामसिंह बताते हैं कि मूंछें बढ़ाना कोई खेल नहीं है। उन्हें नहाने में 2 घंटे लगते हैं। मूंछ को हर वक्त कपड़े में लपेट कर रखते हैं। अगर कहीं खुल जाए तो ये मूंछें आफत बन जाती हैं। इन्हें कंघी करने और मालिश करने में भी काफी वक्त लगता है। उनकी पत्नी और बेटा मूंछ का ख्याल रखते हैं, मालिश करते हैं। उन्होंने बताया कि देसी सरसों तेल से अभी भी वे मालिश करते हैं। मूंछों की धुलाई मुलतानी मिट्टी के पानी से करते हैं। शैंम्पू का उपयोग आज तक नहीं किया।

रामसिंह ने बताया कि वे राजस्थान पर्यटन विभाग में पहले नौकरी करते थे। वे शुरुआत से ही मूंछें रखने के शौकीन थे। लेकिन इसे समान्य से भी ज्यादा बढ़ा कर रिकॉर्ड बनाने की प्रेरणा राजस्थान के कर्णा राम भील से मिली। बात साल 1982 की है। कर्णा की 7 फीट 10 इंच लंबी मूंछ ने जब विश्व रिकॉर्ड बनाया तो रामसिंह ने सोचा क्यों न मूंछें बढ़ाई जाए। इसके बाद उन्होंने मूंछों को पालना शुरू कर दिया।