Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को बुधवार को आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (EOW/ACB) ने कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया। चैतन्य इसी घोटाले में 18 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से न्यायिक हिरासत में थे।

बुधवार को चैतन्य और दीपेंद्र चावड़ा को गिरफ्तार कर रायपुर में विशेष एसीबी अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 6 अक्टूबर तक ईओडब्ल्यू/एसीबी की हिरासत में भेज दिया गया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) घोटाले के धन शोधन पहलू की जांच कर रहा है, जबकि आर्थिक अपराध शाखा/एसीबी आपराधिक पहलू की जांच कर रही है और उसने 2024 में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षडयंत्र के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी। राज्य एजेंसी ने इस घोटाले की कीमत 3,200 करोड़ रुपये आंकी है।

इस महीने की शुरुआत में ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत में चैतन्य के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शराब घोटाले से उत्पन्न लगभग 1,000 करोड़ रुपये को व्यक्तिगत रूप से संभाला था।

ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चैतन्य का नाम लगभग छह महीने पहले हमारी जांच में सामने आया था। कई बार अग्रिम ज़मानत की उनकी याचिकाएं खारिज होने के बाद हमने उन्हें गिरफ़्तार किया।

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गिरफ्तारी के बाद चैतन्य के वकील फैसल रिजवी ने कहा कि गिरफ्तारी बिना किसी सबूत के सिर्फ दबाव बनाने के लिए की गई है। वकील ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा चैतन्य की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज किए जाने के बाद, उन्हें एसीबी/ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया। ईओडब्ल्यू द्वारा विशेष अदालत के समक्ष गिरफ्तारी का आधार मामले के एक आरोपी लक्ष्मी नारायण बंसल का 1,000 करोड़ रुपये (अपराध की आय) से संबंधित बयान है। मुख्य तथ्य यह है कि चैतन्य का नाम किसी भी आरोप पत्र में नहीं है।

ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन के दौरान 2019 से 2022 के बीच हुआ था। ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों, राजनेताओं और आबकारी अधिकारियों का एक सिंडिकेट कथित तौर पर एक समानांतर आबकारी विभाग चलाता था, जिसमें जनता को शराब बेची जाती थी, लेकिन सरकारी खजाने में कोई पैसा नहीं आता था, जिससे 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान होता था। चावड़ा पर एक आरोपी से दूसरे आरोपी तक धन (अपराध की आय) पहुंचाने में मदद करने का आरोप है।

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