छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। नए पेंशन योजना के तहत एनएसडीएल को दिए 17 हजार 240 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ सरकार को वापस करने की मांग की है और इसके लिए पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण को निर्देशित करने का किया अनुरोध है।

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने का फैसला किया है और इसके कार्यान्वयन के लिए अनुरोध किया जा रहा है।

बघेल ने कहा कि राज्य सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 1 नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 की अवधि के दौरान ₹ 11,850 करोड़ (कर्मचारी और नियोक्ता योगदान) को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) को हस्तांतरित किया गया है। वर्तमान बाजार में इस राशि का मूल्य लगभग 17,240 करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस साल 20 मई को पीएफआरडीए (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) से यह राशि वापस करने का अनुरोध किया था। हालांकि, प्राधिकरण ने 26 मई को एक पत्र में जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत धन, जो सरकारी योगदान और एनपीएस के लिए कर्मचारियों के योगदान के रूप में जमा किया जाता है। उसको वापस किया जा सकता है।

बघेल ने कहा, ‘राज्य सरकार द्वारा एनपीएस ट्रस्ट और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिट लिमिटेड (एनएसडीएल) के साथ किए गए समझौते में ऐसा कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जो राज्य सरकार को नई पेंशन योजना से हटने और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने से रोकता है।’ संघीय ढांचे में, यह राज्य सरकार का संप्रभु निर्णय है। उन्होंने कहा कि राज्य के बजट में घोषित और बाद में कर्मचारियों और उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कैबिनेट में अनुमोदित एक निर्णय के कार्यान्वयन को रोकना अनुचित होगा।

राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके कल्याण के लिए ओपीएस लागू किया जा रहा है, मुख्यमंत्री ने पीएम से अनुरोध किया कि वह पीएफआरडीए को राज्य की मांग पर विचार करने और वापस करने का निर्देश दें।