केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना को छत्तीसगढ़ में ब्रेक लग गया है। राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने अनियमितताओं की शिकायत आने के बाद इस योजना के तहत आवंटन प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने चार महीने पहले ही जल जीवन मिशन के तहत काम कराने के लिए ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट’ यानी निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए आवेदन मंगाए थे। इसके बाद सरकार 10 हजार करोड़ रुपए के वर्क ऑर्डर भी बांट चुकी थी।

सीएम भूपेश बघेल की ओर से 26 अक्टूबर को जारी एक बयान में कहा गया, “कैबिनेट ने जल जीवन मिशन के तहत जारी किए गए सभी टेंडरों को रद्द करने और भारत सरकार के निर्देशों के तहत ही कार्रवाई का फैसला किया है।” जानकारी के मुताबिक, 23 अक्टूबर को स्थानीय कॉन्ट्रैक्टरों के प्रतिनिधियों ने सीएम ऑफिस पहुंचकर बाहरी लोगों को टेंडर देने की शिकायत की थी। इसके बाद ही सीएम बघेल ने शिकायतों की जांच के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया था। कमेटी के गठन के तीन दिन बाद ही सरकार ने सभी टेंडर रद्द कर दिए थे।

जल जीवन मिशन के लिए जिन 1300 कंपनियों को काम आवंटित हुआ था, उनमें 13 को 100-100 करोड़ रुपए से ज्यादा के ऑर्डर मिले थे। तीन सबसे बड़े ऑर्डर जैन इरिगेशन (933.34 करोड़ रुपए), जेएमसी प्रोजेक्ट्स (722.78 करोड़ रुपए) और पटेल इंजीनियरिंग (606.81 करोड़ रुपए) को मिली।

जब केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से छत्तीसगढ़ सरकार के टेंडर रद्द करने के फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “पानी एक राज्य के अंतर्गत आने वाला विषय है।इसलिए इसमें योजना बनाना, उसे लागू करना, ऑपरेशन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी राज्यों की है। यानी अगर यह पूरी तरह से राज्य का ही मामला है, तो उन्हें ही इसके खर्च, इसके काम करने के तरीके भी देखने होंगे।”

बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में सितंबर 2023 तक 41 लाख ग्रामीण परिवारों को सीधा नल से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जानी है। राज्य सरकार के आंकडों के मुताबिक, ग्रामीण घरों में अभी सिर्फ 10 फीसदी घरों में ही नल का कनेक्शन है। 2020-21 में ही करीब 20 लाख नए कनेक्शन जोड़े जाने थे।

जल जीवन मिशन के लिए जो वर्क टेंडर दिया गया था, उसके तहत 8 हजार ग्राम पंचायतों में वॉटर टैंक निर्माण, पाइपलाइन बिछाने, सिविल वर्क, टैप कनेक्शन, वॉटर प्योरिफिकेशन, पम्पिंग उपकरण और फ्लोराइड हटाने के लिए 10 हजार 519 करोड़ रुपए तक के वर्क ऑर्डर दिए गए थे।

विपक्ष ने लगाया हेराफेरी का आरोप: छत्तीसगढ़ में विपक्ष में बैठी भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार मिशन के लिए जारी फंड्स में हेराफेरी कर रही है। भाजपा नेता चंद्रकांत साहू ने इसके लिए शेखावत को चिट्ठी लिखकर फंड्स को ग्राम पंचायत के हाथों में देने की मांग की। विपक्ष के नेता धर्मलाल कौशिक ने भी अनियमितताएं फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी है।