पशु पालकों को लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार किसानों से गाय का गोबर खरीदेगी। गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना शुरू करने का एलान किया है। इसके तहत सरकार किसानों से गाय का गोबर करीद उससे वर्मी कंपोस्ट खाद बनाएगी। जिसे बाद में किसानों, वन विभाग और उद्यानिकी विभाग को दिया जाएगा। इस योजना की शुरुआत 21 जुलाई को हरेली त्योहार के दिन होगी। इसी के साथ छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा जो गोबर की खरीद करेगा।
इस योजना से गांवों में रोजगार और अतिरिक्त आय के अवसर बढ़ेंगे। गोबर की खरीदी निर्धारित दर पर होगी वहीं सहकारी समितियों से वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री होगी। गोबर की खरीदी की दर तय करने पांच सदस्यीय मंत्री मण्डल की उप समिति गठित की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। इस अवसर पर मंत्रियों के साथ ही राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सीएम ने कहा कि गोबर प्रबंधन की दिशा में प्रयास करने वाली ये देश की पहली सरकार है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सरकार गोमूत्र खरीदने पर भी विचार कर सकती है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से बेहतर परिणाम होंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रदेश जैविक खेती की तरफ आगे बढ़े। फसलों की गुणवत्ता में सुधार हो। छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते डेढ़ सालों में राज्य की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने चारों चिन्हारियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि प्रदेश में करीब 2200 गौठान बन चुके हैं। जहां ये काम तत्काल शुरू हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना राज्य के पशुपालकों के आर्थिक हितों के संरक्षण की एक अभिनव योजना साबित होगी। उन्होंने कहा कि पशुपालकों से गोबर क्रय करने के लिए दर निर्धारित की जाएगी। दर के निर्धारण के लिए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मंत्री मण्डलीय उप समिति गठित की गई है।