Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की दिक्कतें बढ़ती ही जा रही हैं। लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अंसारी के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी से शत्रु की संपत्ति पर कब्जा और निर्माण के मामले में आरोप तय कर दिए हैं। अब 29 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई है।

पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ लेखपाल ने शिकायत दर्ज करवाई थी और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवाया गया था। यह पूरा मामला शत्रु संपत्ति का है। आरोप तय होने के बाद मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि अंसारी को व्यक्तिगत रूप से आकर अपना आरोप पत्र हासिल करना होगा और उस पर साइन करना होगा।

उधर, एक जांच में पता चला है कि मुख्तार अंसारी को बचाने के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने 55 लाख रुपए खर्च किए थे। जांच में पता चला कि पूर्व सरकार में अंसारी को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सीनियर वकील को हायर किया गया था, जिनकी एक सुनवाई की फीस 11 लाख रुपए थी। पंजाब सरकार में जेल मंत्री हरजोत बैंस ने बताया कि जब सुनवाई नहीं होती थी तब 5 लाख रुपए चार्ज किया जाता था। वकील के बिल अभी भी पेंडिंग हैं, जिसे आप सरकार ने भरने से इन्कार कर दिया है।

आप सरकार का यह भी आरोप है कि अपने शासनकाल में कांग्रेस ने मुख्तार अंसारी को जेल में 5 स्टार होटल वाला ट्रीटमेंट दिया और इतना ही नहीं अंसारी की पत्नी को भी जेल में उसके साथ रुकने की इजाजत थी। बैंस ने कहा कि अंसारी को यूपी पुलिस से बचाने के लिए एक झूठी एफआईआर के आधार पर पंजाब की जेल में रखा गया था। उन्होंने कहा कि जिस बैरक में 25 कैदियों को रखा जाता है, मुख्तार अंसारी उसमें अकेला रहता था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल में दो साल तीन महीने रखा गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा गया था।