UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियासत में गुरुवार को एक और मोड़ आया है। इसकी वजह यह है कि एक तरफ जहां यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हो गई है। दूसरी ओर भीम आर्मी के चीफ और नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से सीतापुर जेल में मुलाकात की है। दिलचस्प बात यह है कि ये मुलाकात करीब 1 घंटे से ज्यादा की रही।
आजम खान भ्रष्टाचार के मामले में लंबे वक्त से सीतापुर जेल में बंद हैं। आजाद समाज पार्टी-कांशीराम के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने आजम खान से मुलाकात के बाद कहा कि आजम खान की बिगड़ती तबीयत और खराब हो रही सेहत पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को ध्यान देना चाहिए।
चंद्रशेखर बोले- छोटे-छोटे मामलों के लिए मिल रही आजम खान को सजा
चंद्रशेखर आजाद ने आजम खान से मुलाकात के बाद कहा है कि बकरी चोरी जैसे छोटे-मोटे अपराध के लिए इतनी बड़ी सजा देना सरकार की दुर्भावना को दर्शाता है। आजाद ने कहा है कि अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को इस तरह प्रताड़ित करना ठीक नहीं है क्योंकि इससे आने वाली पीढ़ियां जुड़ी हैं और उन्हें इस तरह के राजनीतिक अत्याचार की कीमत चुकानी पड़ेगी।
यूपी उपचुनाव में धांधली का लगाया आरोप
इतना ही नहीं, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख ने यूपी उपचुनाव को लेकर भी योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी प्रशासनिक मशीनरी का ऐसा दुरुपयोग किया जो पहले कभी नहीं देखा गया। यह उपचुनाव मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। अगर BJP उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई तो उन्हें दिल्ली (BJP शीर्ष नेतृत्व) को जवाब देना पड़ेगा।
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‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर भी दिया जवाब
बता दें कि विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने पर आजाद ने कहा कि उपचुनाव में गलत काम करने के कारण निलंबन किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे को लेकर कहा कि अगर हम इस नारे को दूसरे तरीके से लें तो यह दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए संदेश है कि अगर वे बंटे तो यहां से लेकर दिल्ली तक उनके अधिकारों में कटौती की जाएगी।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि देश की 6,743 पिछड़ी जातियां बंटी हुई हैं। अब समय आ गया है कि हम एकजुट होकर इस समस्या को खत्म करें।’’ उन्होंने गोरखपुर नगर निगम के एक भर्ती विज्ञापन का जिक्र करते हुए कहा कि इस नारे की प्रक्रिया गोरखपुर से ही शुरू हुई है, जहां पटवारी, कानूनगो आदि के पदों को ‘आउटसोर्स’ किया जाएगा। (इनपुट-भाषा)