केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती की तारीफ करते हुए उन्हें दलित समाज का “मजबूत नेता” और “अच्छा प्रशासक” बताया। अठावले लखनऊ में वर्ल्ड रिलिजियस कांफ्रेंसम में बोल रहे थे। इसी साल जुलाई में जब अठावले मायावती से पूछा था कि उन्होंने अब तक बौद्ध धर्म क्यों नहीं अपनाया है तो मायावती ने अठावले को “बीजेपी का गुलाम” कहा था। मीडिया से बात करते हुए अठावले ने कहा कि वो उत्तर प्रदेश में दलितों को बांटने नहीं आए बल्कि वो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) को खोया जनाधार वापस पाने आए हैं जिस पर बसपा ने “कब्जा” कर लिया है।

अठावले ने मायावती पर “भीमराव आंबेडकर के नाम का केवल चुनाव लड़ने के लिए दुरुपयोग करने” का आरोप लगाया। अठावले के अनुसार आरपीआई ने आंबेडकर के सम्मान के लिए कुर्बानियां दी हैं। हालांकि उन्होंने बाद में मायावती की तारीफ करते हुए कहा, “मायावती अच्छी महिला हैं और एक हमारे समुदाय की मजबूत नेता हैं। मैं यहां उनका अपमान करने नहीं आया हूं। मैं यहां बसपा को और जिन लोगों ने आंबेडकर की प्रतिमा हटाई है उन्हें उखाड़ने आया हूं…वो अच्छी प्रशासक हैं और हमारे समुदाय से आने वाली महिला हैं जो राजनीति में है। हाल ही में जब एक बीजेपी नेता ने उनका अपमान किया तो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे। मैंने इसके खिलाफ विरोध दर्ज कराया था।”

राज्य सभा सांसद अठावले नरेंद्र मोदी कैबिनेट में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) नेता अठावले को 2014 में महाराष्ट्र से बीजेपी ने उच्च सदन में भेजा था। अठावले 1998-99 में मुंबई नार्थ सेंट्रल से लोक सभा सांसद रह चुके हैं।

मंत्री रामदास अठावले को करना पड़ा सेकंड एसी में सफर, टीटीई ने नहीं की मदद, अब रेल मंत्री से करेंगे शिकायत

इसी महीने के पहले हफ्ते में केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले तब चर्चा में आए थे जब उन्हें ट्रेन के सेकेंड एसी का टिकट दे दिया गया था। अठावले ट्रेन से अपने पैतृक निवास सांगली जा रहे थे। जब अठावले को पता चला कि उनके लिए एसी सेकंड क्लास का टिकट बुक किया गया है तो वो काफी नाराज हुए। उनने आनन-फानन में टीसी को तलब किया। अठावले ने टीसी को याद दिलाया केंद्रीय राज्य मंत्री के प्रोटोकाल के अनुसार उनका टिकट एसी फर्स्ट क्लास का का होना चाहिए था। मंत्रीजी के इसरार के बावजूद टीसी ने किसी तरह की मदद करने में असमर्थता जता दी। टीसी का कहना था कि टिकट सेकंड क्लास का है इसलिए वो कुछ नहीं कर सकता। हारकर अठावले को 10 घंटे लम्बी यात्रा सेकंड एसी में ही करनी पड़ी। इस बरताव से आहत अठावले ने कहा था कि वो मामले को रेल मंत्री सुरेश प्रभु के सामने उठाएंगे।