योगी सरकार (Yogi Government) ने पूरे उत्तर प्रदेश में माफिया (Mafia) और अपराधियों के खिलाफ दोहरा हमला शुरू कर दिया है। होली का त्योहार बीतने के बाद पुलिस-प्रशासन के अफसर युद्धस्तर पर इस काम में जुट गये हैं। राज्य की जांच एजेंसियों के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने भी माफिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को सीबीआई की टीम अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के शूटर अब्दुल कवि (Abdul Qavi) की आपराधिक गतिविधियों से कमाई गई संपत्ति का हिसाब लेने कौशाम्बी (Kaushambi) पहुंची।
शूटर अब्दुल कवि पिछले 14 साल से पुलिस हिरासत से बाहर है
जांच एजेंसियों को मिले इनपुट्स में यह बात भी सामने आई है कि गुजरात की जेल में बंद माफिया अतीक अहमद कई वारदातों में अपने पुराने भरोसेमंद शूटरों की मदद लेता है। अब्दुल कवि पिछले 14 साल से पुलिस हिरासत से बाहर है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि “उमेश पाल हत्याकांड में भी उसके शामिल होने के संकेत मिले हैं, जिसके बाद कौशांबी जिले के जमालपुर भखंडा में कवि के तीन करोड़ के अवैध घर पर बुलडोजर चलाया गया। अब्दुल कवि के करीबी दोस्तों द्वारा अवैध रूप से हासिल की गई करोड़ों की संपत्ति का हिसाब लेने के लिए दो सदस्यीय सीबीआई जांच दल कौशांबी जिले की मंझनपुर तहसील पहुंचा।”
होली पर रुके बुलडोजर के पहिए अब अतीक और गिरोह पर तेजी से चलेंगे
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि होली के त्योहार के दौरान रुके बुलडोजर के पहिए अब अतीक और उसके गिरोह के सदस्यों को कुचलने को बेताब हैं। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद चौहान के मुताबिक अतीक अहमद गैंग से जुड़े तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की पीडीए द्वारा तैयार की गई सूची के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया दोबारा शुरू होने जा रही है।
उमेश पाल हत्याकांड के तार विधायक राजू पाल मर्डर से भी जुड़े हैं
इसमें कहा गया है कि उमेश पाल हत्याकांड के तार 18 साल पहले प्रयागराज में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड से भी किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। इन संबंधों की पड़ताल करने के लिए सीबीआई की जांच टीम कौशांबी के मंझनपुर तहसील पहुंची। दिल्ली से आए दो अधिकारियों ने तहसीलदार भूपाल सिंह से करीब ढाई घंटे तक बात की। जानकारी के अनुसार माफिया अतीक के शूटर रहे अब्दुल कवि के बारे में कई सवाल पूछे गए।
सीबीआई ने शूटर अब्दुल कवि के परिवार की चल-अचल संपत्ति के राजस्व रिकॉर्ड की भी जानकारी जुटाई है। इसके अलावा सीबीआई तहसील अभिलेखागार भी गई जहां उसने एसडीएम मंझनपुर से जमालपुर भखंडा और रकसराय गांवों के जमीन के रिकॉर्ड के ब्लूप्रिंट हासिल किए।
इसमें शूटर अब्दुल कवि के पिता अब्दुल अजीज, अब्दुल गनी, पत्नी कनीज फातिमा, भाई अब्दुल वली, उसकी पत्नी फैजिया बानो, भाई अब्दुल कादिर, उसकी पत्नी बुशरा, भाई अब्दुल मुघानी और उसकी पत्नी शाहीन बानो के कागजात शामिल हैं।