केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को एक स्थानीय विशेष अदालत से आइएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति चिदंबरम का नार्को एनालायसिस टैस्ट (झूठ पकड़ने वाला परीक्षण) कराने की अनुमति मांगी। अदालती सूत्रों के अनुसार विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने कहा कि अदालत नौ मार्च को इस मामले पर विचार करेगी जब कार्ति को सीबीआइ की हिरासत में तीन दिन तक पूछताछ के बाद पेश किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, अदालत तब सीबीआइ के दो अन्य आवेदनों पर भी गौर करेगी जिनमें कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड एकाउंटेंट एस भास्करण और सह-आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की पेशी वारंट की मांग की गई है। भास्करण को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है।

अदालत ने मंगलवार को कार्ति की सीबीआइ हिरासत की अवधि तीन दिन के लिए और बढ़ा दी थी। अदालत ने कहा था कि सच्चाई तक पहुंचने के वास्ते सबूत जुटाने के लिए जांच की निरंतरता के लिए कार्ति की हिरासत बढ़ाना जरूरी है। नार्को एनालायसिस टैस्ट का आवेदन इस मायने में अहम है कि एजंसी ने आरोप लगाया था कि कार्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहे और टाल-मटोल वाला जवाब दे रहे हैं। इंद्राणी मुखर्जी फिलहाल अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में मुंबई की एक जेल में बंद है।

चेन्नई में 28 फरवरी को ब्रिटेन से लौटने पर कार्ति को एक प्राथमिकी के संदर्भ में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआइ का आरोप है कि कार्ति ने 10 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। इस बीच गुजरात सरकार ने राज्य विधानसभा में कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहेगी तो यहां स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) में कार्ति चिदंबरम का नारको परीक्षण टैस्ट किया जा सकता है। प्रश्न काल के दौरान सदन में यह मामला उस समय उठा जब भाजपा के विधायक दुष्यंत पटेल ने यह जानना चाहा कि क्या यहां फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में कार्ति का नारको टैस्ट हो सकता है।