सीबीआई की 8 सदस्यीय टीम ने शनिवार को सीवान पहुंचकर पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है। बिहार पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, उन्होंने मामले से जुड़े सभी कागजात सीबीआई के अधिकारियों को शुक्रवार को ही सौंप दिए। मामले में इस साल 13 मई को दिवंगत पत्रकार की पत्नी आशा रंजन ने एफआईआर दर्ज कराई थी। शुरुआती जांच के मुताबिक स्थानीय पुलिस कह चुकी है कि पत्रकार की हत्या एक सोची-समझी साजिश नजर आती है। सीबीआई ने इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामूहिक तौर पर साजिश रचना) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बिहार सरकार ने सीबीआई से इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया था।
गौरतलब है कि पत्रकार राजदेव की हत्या 13 मई को सीवान में स्टेशन रोड के एक बाजार में दिनदहाड़े कर दी गई थी। वो अखबार दैनिक हिन्दुस्तान के सीवान के ब्यूरो चीफ थे। तब नीतीश सरकार ने मामले की जांच के लिए दो डीएसपी, तीन इन्सपेक्टर और पांच दारोगा को मिलाकर एक एसआईटी का गठन किया था। ताकि हत्यारे का पता लगाया जा सके। इस बीच, आशा रंजन ने सरकार से सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने उनकी मांग को मानते हुए सीबीआई से जांच कराने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया था।
आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के बाद आशा रंजन ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न्याय की गुहार लगाई थी। शहाबुद्दीन को पत्रकार की हत्या के पीछे का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है जिसकी रिहाई पटना हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 10 सितंबर को हुई है।