कावेरी जल विवाद में सोमवार का दिन भले ही कर्नाटक के लिए राहत लेकर आया हो लेकिन कर्नाटक के निवासियों के लिए आफत का दिन साबित हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने ही आदेश में राहत देते हुए कर्नाटक सरकार को अब 20 सितंबर तक 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया है। इससे पहले 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को 15000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद से दोनों राज्यों में तनाव का माहौल है। तमिलनाडु के अलग-अलग शहरों में कर्नाटक के लोगों पर हमले होने लगे हैं।

कावेरी जल विवाद पर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच सियासी जंग अब दोनों राज्यों के निवासियों की जंग का खतरनाक रूप लेती जा रही है। रामेश्वरम में नाम तमिलार काची (एनटीके) पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कर्नाटक से आई एक मिनी बस में न केवल तोड़फोड़ की बल्कि उसके ड्राइवर को बुरी तरह मारा-पीटा। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एनटीके पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए देखा-सुना जा सकता है कि कावेरी तमिलनाडु का है या कर्नाटक का? कन्नड़ ड्राइवर से मारपीट कर रहे लोग बार-बार यही सवाल उससे पूछ रहे हैं लेकिन ड्राइवर कुछ नहीं बोल पा रहा है।

सोमवार को ही चेन्नई में न्यू वुडलैंड्स होटल में अज्ञात लोगों ने पेट्रोल बम फेंक दिया। जानकारी के मुताबिक होटल किसी कर्नाटक निवासी का है। पुलिस ने बताया कि इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ है। यह मामला उस घटना के बाद सामने आया है, जिसमें रविवार को एक युवक पर तमिलनाडु का समर्थन करने को लेकर कर्नाटक में हमला किया गया था। उधर, बेंगलुरू में भी हिंसक भीड़ पिछले कुछ दिनों से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के खिलाफ आगजनी और विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

5 सितंबर को तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को कावेरी नदी का 15 हजार क्यूसेक पानी 10 दिन तक प्रतिदिन छोड़ने का निर्देश दिया था। इस आदेश को लागू नहीं करने पर कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को लताड़ भी लगाई और तमिलनाडु सरकार से कहा था कि वह निगरानी समिति के पास जाए। सोमवार को कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि वह 10 हजार क्यूसिक पानी देने को तैयार है लेकिन तमिलनाडु ने कहा कि उसे 20 हजार क्यूसिक पानी चाहिए वरना फसल खराब हो जाएगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर तक 12 हजार क्यूसेक पानी देने का कर्नाटक सरकार को आदेश दिया है।