छत्तीसगढ़ के रायपुर में बीते दिनों तीन मवेशी ट्रांसपोर्टरों की मौत हो गई थी। इसको लेकर अभी भी कुछ क्लीयर नहीं हो पा रहा है कि उन तीनों ने अपनी मौत खुद चुनी या फिर भीड़ ने उन तीनों को मौत की नींद सुला दिया। इस मामले पर रायपुर पुलिस ने कहा था कि तीनों मवेशी ट्रांसपोर्टरों ने गाड़ी से कूदकर अपनी जान दे दी थी। जबकि तीनों के परिवार वालों का आरोप है कि उनकी मौत भीड़ द्वारा की गई है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम ने कहा है कि तीनों मवेशी ट्रांसपोर्टरों की हत्या का प्रयास हुआ था। इसका प्रमाण नहीं है लेकिन इसारा उसी ओर है।

एसआईटी ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है। टीम ने मवेशी ट्रांसपोर्टर सद्दाम कुरैशी (23), गुड्डु खान (35) और चांद मिया खान (23) की मौत मामले में गिरफ्तार पांचों लोगों पर गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत आरोप दर्ज कराया है।

चांद मिया और सद्दाम कुरैशी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले थे जबकि गुड्डू शामली का रहने वाला था। वो तीनों मवेशियों से भरे ट्रक को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ले जा रहे थे। इसी बीच गौ तस्करी के संदेह की स्थिति में कुछ लोगों ने उनका पीछा किया। एसआईटी के अनुसार भीड़ द्वारा पीछा करने के बाद जब ट्रक नदीं पर बने एक पुल पर पहुंची उसी दौरान ऐसी स्थिति हुई कि तीनों नदीं में कूद गए। इसमें चांद मिया की मौके पर ही मौत हो गई। गुड्डू को अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया वहीं कुरैशी की मौत 18 जून को मौत हो गई।

एसआईटी द्वारा स्थानीय लोक अदालत में जमा की गई चार्जशीट में कहा गया है कि गौरक्षक के नाम पर पांच लोग पहले से ही मवेशी ट्रांसपोर्टरों का इंतजार कर रहे थे। उसके बाद वो सभी ट्रक का पीछा करने लगे और समय समय पर ट्रक पर पत्थर भी फेंका जा रहा था। पत्थर से ट्रक की खिड़की टुट गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि पांचों लोगों ने ट्रक का करीब 53 किमी तक पीछा किया। इसके साथ ही चार्जशीट में ये भी कहा गया है कि इस पूरे घटना क्रम से ऐसा लगता है मानो ये प्लान के तहत किया गया हो।

ऐसा माना जा रहा है कि तीनों मवेशी ट्रांसपोर्टरों ने महानदी नदी पर बने पुल से नीचे आत्म रक्षा के लिए कूद गए। ये भी बताया गया कि पांचों आरोपी पुल पर ही अपने कार से ट्रक को रोके थे। जिसके बाद तीनों ने ऐसा कदम उठाया। सूत्रों के अनुसार फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट में हमले की कोई पुष्टि नहीं हुई है।