देश के लगभग हर हिस्से में भयानक गर्मी पड़ रही है। जिसकी वजह से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। राजस्थान, बिहार समेत कई राज्यों में लू और धूप की वजह से दर्जनों लोगों की मौत हो गई है। वहीं देश की राजधानी का हाल और भी बेहाल नजर आ रहा है। जहां एक तरह प्रचंड गर्मी ने हाल-बेहाल कर रखा है वहीं लोगों को एक-एक बूंद पानी के लिए घंटों संघर्ष करना पड़ रहा है।
सौ से अधिक महिलाएं और पुरुष प्लास्टिक की बाल्टियां और पेंट के डिब्बों को लेकर घंटों लाइन में लगे लोग फुटपाथ पर पानी का इंतजार कर रहे हैं। हम बात दिल्ली के डिप्लोमैटिक एन्क्लेव के बीचों बीच स्थित विवेकानंद कॉलोनी के झुग्गी बस्ती में रहने वाले ये सभी लोग हैं।
जो सुबह के समय ही मुख्य सड़क पर आकर पानी का इंतजार शुरू करते हैं। जैसे-जैसे दिन चढ़ता है वैसे वैसे लोगों का इंतजार बढ़ता जाता है और दोपहर 1 बजे जैसे ही पानी का टैंकर दिखता है लोग दौड़कर पानी के टैंकर पर चढ़ने लगते हैं। दस हजार लीटर पानी इस टैंकर से पानी को लेकर लोग आपस में एक दूसरे को धकेलने लगते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अंजना कहती है कि पानी का टैंकर कभी भी समय पर नहीं आता। इस समय तो गर्मी बढ़ी हुई है इस वजह से एक दिन में एक टैंक हम सभी के लिए पर्याप्त नहीं है। अंजना दिल्ली यूनिवर्सिटी के मैत्रेयी कॉलेज में अंतिम वर्ष की छात्रा हैं। वहीं टैंकर के ड्राइवर ने कहा कि एनडीएमसी दिल्ली के सभी इलाकों में जरूरत के हिसाब से दिन में दो बार पानी भेजती है। लेकिन यहां पर झुग्गी के एंट्री गेट के पास पानी के टैंकर दोपहर 1 बजे के आसपास आता है।
पानी को लेकर एक दिहाड़ी मजदूर नरेश बताते हैं कि कनस्तरों में पानी भरने की एक अलग विधि है। एक्सप्रेस से बात करते हुए दिहाड़ी मजदूर ने बताया, ‘टैंकर के पास एक ही परिवार के दो-दो लोग भेजे जाते हैं। एक शख्स पानी की टंकी पर चढ़कर ढक्कन के माध्यम से पाइक को अंदर डालता है। जबकि दूसरा व्यक्ति कनस्तरों में पानी भरने का इंतजार कर रहा है। वो पानी की पाइप से मुंह लगाकर पानी खिंचता है। इस तरह से वो पानी आने लगता है तो कनस्तरों को भरा जाता है।’