कर्नाटक में हिजाब पर भारी हंगामे के बाद अब बाइबल पर विवाद शुरू हो गया है। एक स्कूल में बाइबल पढ़ने को अनिवार्य बनाने पर विवाद शुरू होने के बाद कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बुधवार (27 अप्रैल 2022) को कहा कि बाइबिल और कुरान धार्मिक ग्रंथ हैं लेकिन भगवद गीता एक ऐसी किताब है जो जीवन जीने के लिए आवश्यक मूल्यों के बारे में बताती है।

दरअसल, बेंगलुरु के आर्कबिशप पीटर मचाडो ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि अगर बच्चों को भगवद गीता या अन्य धर्मों की किताबें खरीदने के लिए कहा जाता है, तो क्या ये उन्हें प्रभावित करने या उस धर्म विशेष में परिवर्तित करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश नहीं है?

भगवद गीता की नहीं है कोई तुलना: इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीसी नागेश ने कहा, “बाइबल और कुरान धार्मिक ग्रंथ हैं। ये किताबें कहती हैं कि जो कोई भी धर्म को मानता है उसे संबंधित धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना चाहिए। लेकिन भगवद गीता धर्म के बारे में नहीं बात करती है बल्कि जीवन जीने के लिए आवश्यक मूल्यों के बारे में बताती है। हम भगवद गीता की तुलना कुरान और बाइबल जैसी दूसरी धार्मिक पुस्तकों से नहीं कर सकते। आप स्वामी विवेकानंद और अन्य लोगों की तरह यीशु के जीवन के बारे में सिखा सकते हैं लेकिन छात्रों पर धार्मिक पाठ नहीं थोपना चाहिए।”

स्कूल में बाइबिल अनिवार्य: क्लेरेंस हाई स्कूल पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाने वाली हिंदू जनजागृति समिति के सदस्यों ने मंगलवार (26 अप्रैल 2022) को नागेश से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा और उनके हस्तक्षेप की मांग की। दरअसल, क्लेरेंस हाई स्कूल में गैर-ईसाई छात्रों के लिए भी बाइबल की कक्षाएं अनिवार्य की गयी हैं, जिसे लेकर अभिवावकों में रोष है। क्लेरेंस हाई स्कूल ने अभिभावकों से एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कराया है, जिसके मुताबिक माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में बाइबल लाने के लिए मना नहीं करेंगे।

कानूनी कार्रवाई की चेतावनी: स्कूल के इस नए निर्देश पर दक्षिणपंथी समूहों ने एतराज जताया है और इसे कर्नाटक एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन बताया है। इस बीच, राज्य के शिक्षा विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को बाइबल पढ़ने को अनिवार्य बनाने को लेकर राज्य के सभी ईसाई स्कूलों के पाठ्यक्रम का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। वहीं शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा है कि सरकार कानून विभाग से राय लेने के बाद कार्रवाई करेगी। इसे कर्नाटक शिक्षा अधिनियम के खिलाफ बताते हुए नागेश ने चेतावनी दी कि अगर पाठ्यक्रम में कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।