कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को संदेशखाली घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को शाम 4.30 बजे तक सीबीआई को सौंप दें। संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हुए हमले की जांच को कोर्ट ने सीबीआई को करने का आदेश दिया है।

ED टीम पर हुए हमले मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश

कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगननम की पीठ ने आदेश दिया कि नज़ात पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 8 और 9 और बनगांव पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 18 की जांच सीबीआई द्वारा की जाए। इससे पहले हाई कोर्ट ने संदेशखाली घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। मंगलवार को कोर्ट ने एसआईटी को रद्द कर दिया और मामले की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया।

संदेशखाली घटना 5 जनवरी को हुई थी। तब शाहजहां के सैकड़ों समर्थकों ने ईडी टीम पर हमला कर दिया था। ईडी की टीम कथित राशन घोटाला मामले में उसके घर पर छापा मारने गई थी। हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे, जबकि शाहजहां भाग गया। 55 दिनों तक शाहजहां भागता रहा और बाद में उसे गिरफ्तार किया गया।

5 जनवरी की घटना के कारण संदेशखाली के निवासियों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने शाहजहां और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और भूमि कब्ज़ा करने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने शाहजहां के अवैध पोल्ट्री फार्म में भी आग लगा दी थी।

TMC कर चुकी है निलंबित

गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने शाहजहां को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित करने की घोषणा की। स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां और उसके समर्थकों पर यौन शोषण और जमीन पर कब्जा करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। संदेशखाली मामला सामने आने के बाद राज्यपाल, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और अन्य कई बड़े नेताओं ने भी तनावग्रस्त इलाके का दौरा किया था। शाहजहां शेख काफी ताकतवर है और मामला सामने आने के बाद भी वह 55 दिनों तक भागता रहा।