बीते हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार सरकार को शेल्टर होम रेप केस मामले में कड़ी फटकार लगायी गई थी। अब एक बार फिर बिहार सरकार को फटकार सुननी पड़ी है। दरअसल कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपए के कामों का रिकॉर्ड मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सरकारी विभागों द्वारा इस दिशा में जिम्मेदारी ठीक तरह से ना निभाने के कारण विभिन्न घोटालों को छिपाने, पैसे के दुरुपयोग और गबन में मदद मिली। कैग की यह रिपोर्ट शुक्रवार को राज्य के दोनों सदनों में रखी गई। जिस पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया।

कैग का कहना है कि करीब 2 लाख करोड़ रुपए का ऑडिट नहीं हो सका है। कैग के ऑब्जर्वेशन के बावजूद बिहार सरकार के संबंधित विभाग कोई कार्रवाई भी नहीं कर रहे हैं। कैग के अनुसार, पिछले काफी समय से ऑडिट के कागजात उसके सामने पेश नहीं किए गए हैं। कैग ने सरकार से उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है, जिन्होंने कहने के बावजूद कैग के सामने रिकॉर्ड पेश नहीं किए। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस रिपोर्ट के आधार पर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा।

वहीं सरकार के बचाव में बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि वह व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाएंगे और एक ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न जांच रिपोर्ट और अधिकारियों के जवाब को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। ये रिपोर्ट राज्य के वित्त विभाग के अधिकारियों द्वारा मॉनिटर भी की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि बीते हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की जांच की स्टेटस रिपोर्ट पर नाराजगी जतायी थी और शेल्टर होम से जुड़े सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।