बॉलिवुड कलाकार नसीरुद्दीन शाह के बयान पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा कि वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा बर्ताव करते हैं। इमरान के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘‘1947 से अब तक पाकिस्तान में हिंदू 23% से घटकर महज 2% रह गए। वहीं, हिंदुस्तान में मुस्लिम 8% से बढ़कर 20% हो गई। अब पाकिस्तान जैसा आतंकी-भिखारी देश हिंदुस्तान को बताएगा कि माइनॉरिटी के साथ कैसे बर्ताव किया जाता है? यहां हर कोई अपनी मर्जी के हिसाब से फला-फूला।’’
नसीरुद्दीन शाह ने यह बयान दिया था
नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, ‘‘देश में कई जगह पुलिस अफसर की हत्या से ज्यादा महत्व गाय की हत्या को दिया जा रहा है। यहां जहर फैल चुका है। कानून हाथ में लेने के लिए लोगों को खुली छूट मिली हुई है। ये हालात जल्द सुधरते नजर नहीं आ रहे।’’
आज़ादी के बाद पाकिस्तान में हिंदू 23% से घट के 2% हो गए और हिंदुस्तान में मुसलमान 8% से बढ़कर 20% हो गए ….अब पाकिस्तान जैसा आतंकी भिखारी देश हिंदुस्तान को बताएगा कि माइनॉरिटी के साथ कैसे बर्ताव किया जाता है?
यहाँ हर कोई अपनी मर्जी के हिसाब से फला फूला।— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) December 23, 2018
‘इस माहौल में मुझे अपने बच्चों की फिक्र’
नसीरुद्दीन शाह ने कहा था, ‘‘मैंने मजहबी तालीम हासिल की है, लेकिन मेरी पत्नी रत्ना लिबरल परिवार से आती हैं। मैंने अपने बच्चों को भी मजहबी तालीम नहीं दी। मेरा यह मानना है कि मजहब से अच्छाई और बुराई का कुछ लेना-देना नहीं होता। हालांकि, मुझे अपने बच्चों के बारे में फिक्र होती है। अगर किसी दिन भीड़ ने उन्हें घेर लिया और पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? …तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा। ऐसे में मुझे अपने बच्चों की फिक्र होती है। इन बातों से मुझे डर नहीं लगता, लेकिन गुस्सा जरूर आता है।’’
इमरान ने किया नसीरुद्दीन के बयान का समर्थन
इमरान ने लाहौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘ये बातें पाकिस्तान के निर्माता जिन्ना को पहले से ही पता थीं। इस वजह से उन्होंने अलग मुल्क की मांग की थी। आजादी की लड़ाई के दौरान ही जिन्ना को अहसास होने लगा था कि कांग्रेस जिस आजाद मुल्क की मांग कर रही है, उसमें मुस्लिमों को बराबरी का दर्जा नहीं मिलेगा।’’
बांग्लादेश बनने की वजह बताई
इमरान ने कहा, ‘‘हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं? उन्होंने नसीरुद्दीन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है। पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को उनके अधिकार नहीं दिये गए, जो बांग्लादेश बनने के पीछे मुख्य कारण था।’’