उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सी-वोटर की ओर से जारी किए गए ओपिनियन पोल की माने तो भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है, वहीं बहुजन समाज पार्टी तीसरे स्थान पर रह सकती है। वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपनी तमाम चुनावी तैयारियों और रणनीतियों के बावजूद कहीं मुकाबले में भी नहीं बतायी जा रही है।
इससे पहले सीएसडीएस ने भी अपने सर्वे में समाजवादी पार्टी को राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर दिखाया था। सी-वोटर और सीएसडीएस के सर्वे में यह समानता है कि दोनों ने ही उत्तरप्रदेश में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने का अनुमान जताया है। सी-वोटर के मुताबिक यह सर्वे 1 अगस्त से 31 अगस्त के बीच उत्तर प्रदेश के कुल 403 विधानसभा क्षेत्रों में 20,642 लोगों से लिए गए इंटरव्यू के रैंडम सैंपल पर आधारित है।
त्रिशंकु विधानसभा के आसार:इस सर्वे के मुताबिक भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में 134 से 150 सीटें हासिल हो सकती हैं, जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के खाते में 133 से 149 सीटें जा सकती है और इस तरह कोई भी दल कुल 403 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए पर्याप्त आंकड़े के करीब नहीं है। सर्वे में बहुजन समाज पार्टी को राज्य में 95 से 111 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है वहीं, राज्य में तेजी से प्रचार-प्रसार शुरू कर चुकी कांग्रेस को महज 5 से 13 सीटों पर सिमट सकती है। निर्दलीय और अन्य को 4 से 12 सीटें मिलने की संभावना है।
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भाजपा के वोट प्रतिशत में जबरदस्त इजाफे का अनुमान: सर्वे के मुताबिक भाजपा को 27.79 फीसदी, समाजवादी पार्टी को 27.51 फीसदी, बीएसपी को 25.44 फीसदी और कांग्रेस को 6.19 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि 2012 में भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस का वोट शेयर क्रमश: 15.01 फीसदी, 29.15 फीसदी, 25.91 फीसदी और 11.63 फीसदी था। इस तरह यदि सर्वे की माने तो 2017 विधानसभा चुनावों में भाजपा के वोट शेयर में 12.78 फीसदी का इजाफा हो सकता है, वहीं सत्ता में काबिज समाजवादी पार्टी के वोट शेयर में 1.64 फीसदी की गिरावट होने की उम्मीद है।
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अखिलेख यादव मुख्यमंत्री के तौर पर लोगों की पहली पसंद: इस सर्वे के मुताबिक वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेख यादव राज्य में लोगों की पसंद बने हुए हैं और 32.8 फीसदी लोग उन्हें सीएम के रूप में पसंद करते हैं। बसपा सुप्रीमो मायावति को सीएम के रूप में 28.2 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया है। भाजपा की तरफ से राज्य में सीएम पद का कोई चेहरा साफ नहीं है और 26 फीसदी लोगों बीजेपी के किसी नेता को सीएम के रूप में पसंद करते हैं। वहीं, कांग्रेस की सीएम उम्मीदवार शीला दीक्षित सीएम के रूप में मात्र 5.1 फीसदी लोगों की पसंद हैं।
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ज्यादातर लोग सरकार बदलने के पक्ष में:सर्वे के मुताबिक 58.6 फीसदी लोग मौजुदा सरकार को बदलने के पक्ष में है। राज्य सरकार के कामकाज पर लोगों ने 10 में से 7.7 अंक दिए, जबकि कानून-व्यवस्था के सवाल पर सरकार को 10 में से महज 3.5 अंक मिले। सर्वे में शामिल 60.8 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव के पिछले चार साल के कामकाज पर संतुष्टि जाहिर की।
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यादव और मुसलमानों का सपा से मोह कायम:यदि सामाजिक और जातिगत समीकरण की बात करें तो 65.5 फीसदी यादव और 50.2 फीसदी मुसलमान वोटरों ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त हो रहा और जनवरी-फरवरी में विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है।

