UP Bulandshahar Violence News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी की अफवाह पर भड़की हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज (चार दिसंबर) रात नौ बजे एक बैठक बुलाई है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में सीएम के अलावा गृह सचिव, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) व अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। बता दें कि स्याना में हिंसा की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) कर रही है। पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें से एक गोकशी के मामले में दर्ज हुई है। वहीं, दूसरी एफआईआर हिंसा के मामले में दर्ज हुई है। एफआईआर में 27 लोग नामजद किए गए हैं, जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों को हिंसा का आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने हिंसा के मामले में 4 लोगों को हिरासत में लिया है।
एफआईआर में हिंदूवादी संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं के नाम भी हैं। हिंसा का कथित मुख्यारोपी भी बजरंग दल का नेता बताया जा रहा है। पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, जबकि आरोपियों की तलाश जारी है। बता दें कि सोमवार को स्याना में गोकशी की अफवाह पर भीड़ ने आक्रोश में हाईवे जाम करने की कोशिश की थी। बाद में भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा, जिस पर भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस दौरान क्षेत्राधिकारी को भी चौकी में घुसकर जान बचानी पड़ी। जब वह चौकी में घुसे तो भीड़ ने उन्हें चौकी के एक कमरे में बंद करके चौकी में आग लगा दी थी।
भीड़ के हमले में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई। वहीं, फायरिंग में भीड़ में सुमित नाम के युवक की गोली लगने से जान चली गई। सीएम ने शहीद इंस्पेक्टर को परिजन को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और आश्रितों को पेंशन देने का ऐलान किया है। पुलिस ने भी शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने बुलंदशहर हिंसा पर कड़ी नाराजगी जतायी है और दोषियों को सख्त सजा देने की बात कही है।
बुलंदशहर हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत में बजरंग दल के सदस्यों का नाम आने पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं। यूपी की रोहनिया सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने पीटीआई से बातचीत में दावा किया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। उन्होंने कहा कि ये घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी। पुलिस ने उनकी हत्या जान-बूझकर नहीं की थी। मुझे संदेह है कि इंस्पेक्टर की मौत पुलिस की गोली से ही हुई है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पत्थर जरूर फेंके हैं लेकिन गोलियां नहीं चलाई हैं। वे वहां पर गोलियों के साथ नहीं गए थे।
बुलंदशहर के डीएम ने हिंसा के दौरान मारे गए युवक सुमित के परिजनों को 5 लाख रुपए का मुअावजा देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही एफआईआर में बतौर आरोपी दर्ज सुमिता का नाम हटाया जाएगा। हिंसा के दौरान सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी।
बुलंदशहर हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए 3 आरोपियों को जिला अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने बुलंदशहर हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि वजह चाहे जो भी हो इस तरह की घटना की इजाजत नहीं दी जा सकती। मुझे उम्मीद है कि सच अगले 2 दिन में सामने आ जाएगा। घटना में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगाी।
बता दें कि मोहम्मद अखलाक की हत्या साल 2015 में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर कर दी गई थी। अखलाक की हत्या गोहत्या और गाय का मांस खाने की अफवाह के चलते की गई। शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ही मोहम्मद अखलाक की हत्या वाले केस में प्रथम जांच अधिकारी थे।
बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें साजिश के तहत निशाना बनाया गया। सुबोध कुमार को अखलाक हत्याकांड के बाद से लगातार धमकियां मिल रहीं थी।
बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों में से एक जीतेंद्र की मां रतन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा- मैं उस वक्त घर पर नहीं थी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि 70 पुलिसकर्मी बगैर महिला पुलिस कर्मचारी के वहां आए थे और तोड़-फोड़ करने लगे थे। यहां तक कि उन्होंने मेरी बहू से मारपीट भी की थी।
बता दें कि पुलिस की खूफिया रिपोर्टों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लेकर आशंका जतायी गई है। बताया जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले यहां माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
शहीद सुबोध कुमार की मौत पर उनके परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद इंस्पेक्टर की मौत पर उनकी पत्नी ने रोते हुए कहा कि उन्हें एक बार छू लेने दो, वो ठीक हो जाएंगे। उनकी ये बात सुनकर लोगों का दिल भर आया। पुलिस लाइन में राजकीय सलामी के बाद शहीद इंस्पेक्टर के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव ले जाया गया है।
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गोकशी के मामले की जांच की जा रही है। लेकिन अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
लाठीचार्ज से गुस्साए लोगों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया। इस दौरान गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी युवक सुमित की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पर हमला बोल दिया। घायल अवस्था में सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, सुबोध कुमार की मौत सिर में गोली लगने के चलते हुए।
बता दें कि सोमवार को बुलंदशहर में हुई हिंसा गोकशी की एक अफवाह के बाद फैली थी। जिसके बाद नाराज लोगों ने हाइवे जाम करने का प्रयास किया था। पुलिस द्वारा समझाने के बाद भी जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने भीड़ पर लाठी चार्ज कर दिया था।
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि हिंसा के दौरान मारे गए युवक सुमित कुमार की मौत गोली लगने से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।
एडीजी आनंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बुलंदशहर हिंसा में अभी तक किसी संगठन का नाम सामने नहीं आया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी के किसी हिंदूवादी संगठन से जुड़े होने की फिलहाल पुष्टि नहीं की है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
एडीजी आनंद कुमार बुलंदशहर हिंसा पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। एडीजी ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण है और शहीद सुबोध कुमार का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा योगेश राज, हिंदूवादी संगठन बजरंग दल का जिला संयोजक बताया जा रहा है। इसके अलावा कुछ और हिंदूवादी नेताओं के नाम एफआईआर में दर्ज हैं।
बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान एसएसपी, डीएम समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यहां से शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुुबोध कुमार सिंह के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसमें से 40 लाख शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी और 10 लाख उनके माता-पिता को दिए जाएंगे।
बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह, साल 2015 में दादरी में हुई मोहम्मद अखलाख के मॉब लिंचिंग केस के प्रथम जांच अधिकारी भी रह चुके थे। बता दें कि दादरी के बिसाहड़ा गांव में मोहम्मद अखलाख की गोहत्या और गोमांस खाने के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
बुलंदशहर में हिंसा के बाद प्रभावित इलाकों में एहतियातन धारा 144 लागू कर दी गई है। फिलहाल पुलिस ने हिंसा के मामले में 2 आरोपियों को हिरासत में लिया है।
पुलिस ने बुलंदशहर हिंसा के मामले में जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें हिंदूवादी संगठनों बजरंग दल, विहिप आदि के कुछ नेताओं का नाम शामिल किया गया है। घटना का मुख्य आरोपी भी बजरंग दल का जिला संयोजक बताया जा रहा है।
बुलंदशहर हिंसा की जांच स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को सौंप दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले की जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
बुलंदशहर हिंसा के दौरान जान गंवाने वाले युवक सुमित कुमार के परिजनों का आरोप है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली से ही सुमित की जान गई! मामले की जांच चल रही है।