गौ मांस के नाम पर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिंसा भड़क उठी। हिंसा की चपेट में आने से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई। इस घटना में एक और युवक की जान गई है। इस मामले में एक और बात सामने आई है। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार अखलाक हत्याकांड की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दादरी में हुए इस हत्याकांड ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध को अखलाक हत्याकांड में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध को 28 सितंबर, 2015 को दादरी हत्याकांड का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। वह 9 नवंबर, 2015 तक इस मामले के आईओ रहे। चर्चित हत्याकांड में मार्च 2016 में चर्जशीट दाखिल किया गया था। हालांकि, आरोपपत्र दूसरे जांच अधिकारी ने दायर किया था। इस मामले को लेकर देशभर में विवाद हुआ था। कानून-व्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की काफी आलोचना भी की गई थी।
मांस के नमूने को लैब तक ले जाने में निभाई थी अहम भूमिका: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंस्पेक्टर सुबोध की मोहम्मद अखलाक हत्याकांड की जांच में अहम भूमिका थी। अखलाक के घर से मिले मांस के नमूने को जांच के लिए जल्द से जल्द लैब तक पहुंचाने में अखलाक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, हाईप्रोफाइल हत्याकांड की जांच के बीच में ही इंस्पेक्टर सुबोध का ट्रांसफर बनारस कर दिया गया था। उस वक्त इस पर काफी सवाल भी उठे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुबोध के ट्रांसफर पर सफाई देते हुए उसे नियमित प्रक्रिया का हिस्सा बताया था। बता दें कि गाय का मांस होने के संदेह में दादरी के बिसाहड़ा गांव निवासी मोहम्मद अखलाक और उनके बेटे दानिश पर घर में घुसकर हमला कर दिया गया था। इस हमले में अखलाक की मौत हो गई थी। बाद में उनके घर से मिले मांस के नमूने को जांच के लिए लैब में भेजा गया था, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि अखलाक के घर बरामद मांस गाय का था या किसी और का। इस मामले पर देशभर में काफी विवाद हुआ था। बहुत से लोगों ने हत्याकांड के विरोध और सरकार पर मामले की निष्पक्ष जांच न कराने का आरोप लगाते हुए सरकारी अवार्ड वापस कर दिए थे।