बुलंदशहर हिंसा को 48 घंटे हो चुके हैं। लेकिन डर का साया अभी बरकरार है। सोमवार को जिले में गोकशी के शक पर भड़के लोगों ने एक पुलिस इंस्पेक्टर की जान तक ले ली थी। इसमें एक युवक की भी मौत हो गई थी। जिस चिंगरावठी पुलिस चौकी को उपद्रवियों ने फूंक दिया था, उसके आस पास के कई गांव में सन्नाटा छाया है। ज्यादातर लोग तो अंडरग्राउंड भी हो गए हैं। कई घरों पर ताले लटके हैं। कुछ में सिर्फ महिलाएं बची हैं। घटना के बाद रात में ही पुलिस ने गांव में छापा मारा था। जिसके बाद से लोग गिरफ्तारी के डर से गायब हैं।

चिंगरावठी और महाव गांव में पुलिस घटना के बाद से ही दबिश दे रही है। मामले पर चिंगरावठी गांव के स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के लोगों का घटना से कोई संबंध नहीं है। सभी दहशत के चलते घर छोड़ रहे हैं। गांव के लोगों की मौके पर मौजूदगी को लेकर बताया गया कि बाहर जाने का यही एक रास्ता है। उस दिन भी सभी अपने काम के चलते वहां से जा रहे थे। गांव के लोगों का कहना है कि घटना से पहले ही गोकशी की अफवाहें आस पास के इलाकों से आ रही थीं।

एनबीटी की खबर के अनुसार, दबिश दे रही पुलिस पर घरों में तोड़फोड़ व महिलाओं से अभद्रता के आरोप भी लग रहे हैं। मामले में महाव गांव के पूर्व प्रधान राजकुमार को नामजद आरोपी बनाया गया है। राजकुमार की पत्नी के अनुसार, पुलिसवाले रात में करीब 1 बजे के बाद घर में जबरन घुस आए। यहां पुलिसवालों ने कार में तोड़फोड़ की। उन्होंने बताया कि गोकशी की सूचना पाकर ही उनके पति मौके पर गए थे। क्योंकि उन्हीं के खेत में अवशेश मिले थे। पुलिस पर ही आरोप लगाते हुए बुजुर्ग महिला रतन कौर ने बताया कि, दबिश देने के लिए आई पुलिस ने छोटी बहू की पिटाई कर दी। वह मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं फौज में होने के चलते बाहर ही रहते हैं।

बता दें कि बता दें कि सोमवार को बुलंदशहर के स्याना में एक गन्ने के खेत में हुई गोकशी की अफवाह फैली थी। जिसके बाद आस पास के गांवों के लोग इकट्ठा हो गए। उन्होंने गोवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर हाइवे जाम करने की कोशिश की। इस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को समझाने का प्रयास किया। लेकिन गुस्साए लोगों ने पथराव शुरु कर दिया। इस पर पुलिस ने भीड़ पर कंट्रोल करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। जिससे स्थिति बिगड़ गई। इसी दौरान भीड़ ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर हमला कर दिया। घायल अवस्था में सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के परिजनों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसमें से शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख रुपए और 10 लाख रुपए शहीद इंस्पेक्टर के माता- पिता को दिए जाएंगे। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।