सरकार ने दो साल के भीतर पांच करोड़ बीपीएल परिवारों को रसोई गैस मुहैया कराने की महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है। देश भर में रसोई गैस की सर्वसुलभ कवरेज सुनिश्चित करने से गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी मिलेगी। एक घंटा लकड़ी का चूल्हा जलाना 400 सिगरेट फूंकने के बराबर है।

लोकसभा में वित्त वर्ष 2016-17 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा,‘हमने गरीब परिवारों की महिला सदस्यों के नाम से एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने के मकसद से विशाल मिशन आरंभ करने का निर्णय किया है। मैंने इन एनपीजी कनेक्शनों को मुहैया कराने की आरंभिक लागत पूरी करने के लिए इस वर्ष के बजट में दो हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।’ विशेषज्ञों के अनुसार रसोई घर में एक घंटे लकड़ी का चूल्हा जलाना 400 सिगरेट जलाने के बराबर है। इस स्थिति में अब सुधार लाने का समय आ गया है।

और भारतीय महिलाओं को भोजन बनाते समय धुएं के अभिशाप से मुक्ति दिलाना है। उन्होंने कहा कि 2016-17 में लगभग डेढ़ करोड़ बीपीएल परिवारों को इस योजना का लाभ होगा। यह योजना कम से कम दो वर्षो तक जारी रहेगी, ताकि कुल पांच करोड़ बीपीएल परिवारों को इसमें शामिल किया जा सके। इससे देश भर में रसोई गैस की सर्वसुलभ कवरेज सुनिश्चित होगी।

जेटली ने कहा, ‘इस उपाय से महिलाओं का सशक्तीकरण होगा और उनके स्वास्थ्य की रक्षा होगी। इससे भोजन बनाने की मेहनत और उसमें लगने वाला समय कम हो जाएगा। इससे रसोई गैस की आपूर्ति शृंखला में ग्रामीण युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।’ जेटली ने उन 75 लाख मध्य वर्गीय और निम्न मध्यवर्गीय परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने प्रधानमंत्री के आह्वान पर स्वैच्छिक रूप से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ दी है। इन लोगों का यह कार्य देश के लिए गर्व का विषय है।