Gujarat Assembly Election: गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में सियासी दल किसी भी तरह की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। गुजरात चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी को झटका लगा है। जब भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने आम आदमी पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया है। बीटीपी के प्रमुख छोटू वसावा ने आप के साथ गठबंधन तोड़ने पर कहा, “आम आदमी पार्टी सभी पर शासन करना चाहती है, लेकिन हम इसकी अनुमति नहीं देंगे, क्योंकि वे बीजेपी के साथ हैं। टोपी पहनने वाले ये लोग हम पगड़ी पहनने वालों पर अत्याचार करते थे। हम इनका देशव्यापी विरोध करेंगे।”

छोटू भाई वसावा ने कहा कि वो भारतीय जनता पार्टी से भी गठबंधन नहीं करेंगे। गठबंधन तोड़ने की घोषणा के बाद बीटीपी चीफ ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ रहते हुए उनके संगठन को नुकसान होने की संभावना थी इसी वजह से उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ दिया। वसावा ने कहा कि इस गठबंधन से उनकी पार्टी की छवि खराब हो रही थी और उनकी पार्टी को तोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा था। 10 दिन पहले उन्होंने गुजरात की आम आदमी पार्टी के प्रभारी को पत्र लिखा था जिसका आज तक जवाब नहीं आया।

बसावा ने ‘आप’ पर लगाए आरोप

बीटीपी चीफ छोटू वसावा ने आम आदमी पार्टी के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा, आम आदमी पार्टी और भारतीय ट्राइबल पार्टी ने मिलकर जनजातीय क्षेत्रों के लिए 14 मुद्दे तय किए थे जिनमें से रैलियों में आप ने उनकी सहमति के बगैर सिर्फ 6 मुद्दों की गारंटी की बात की थी। अगस्त में की गई बोदेली की रैली में आम आदमी पार्टी ने केवल 6 मुद्दों की गारंटी के साथ बात की थी। अब वसावा गुजरात विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेंगे।

2017 में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था चुनाव

इसके पहले साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीटीपी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के साथ उतरी थी। बीटीपी को गुजरात की दो सीटों पर सफलता हासिल हुई थी। आदिवासी की सियासत करने वाले छोटू वसावा का दावा है कि गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ आदिवासी हिस्सों पर उनकी पकड़ बेहतर है उनका दावा है कि गुजरात में लगभग 5 लाख से भी ज्यादा सदस्य हैं। गुजरात आदिवासियों की आबादी कुल आबादी की लगभग 15 फीसदी के आस-पास है। गुजरात में कुल 181 विधानसभा सीटें हैं जबकि 27 सीटें ट्राइबल्स के लिए आरक्षित हैं।