India-Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनातनी बढ़ गई थी। इसके चलते पंजाब के सीमावर्ती जिले के किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, अब बीएसएफ ने इन्हें गुड न्यूज दी है। यह किसान आज से कंटीली तार के पार जाकर खेती कर सकते हैं। यह छूट सोमवार से लागू हो गई, लेकिन किसानों ने कहा कि उन्होंने काम फिर से शुरू नहीं किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीएसएफ के किसान गार्ड अभी तक उनके साथ नहीं आए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा बताया जा रहा है कि पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने हाल ही में बैन हटाने के लिए बीएसएफ के अधिकारियों से संपर्क किया है। किसानों ने बीएसएफ के इस कदम का स्वागत किया है। फिरोजपुर के गट्टी राजोके ब्लॉक के किसान वंजर सिंह ने कहा, ’22 अप्रैल को पहलगाम की घटना और 23 अप्रैल को ममदोट सेक्टर में पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा बीएसएफ जवान को पकड़े जाने के बाद हमें जल्दी से जल्दी कटाई खत्म करने के लिए कहा गया था। अप्रैल के आखिर से हमें बाड़ के पार जाने से रोक दिया गया था और उसके बाद मई में बॉर्डर पर संघर्ष हुआ।’

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से टूटी आतंक की रीढ़

गेंहू का भूसा इकट्ठा नहीं कर पाए – प्रकाश सिंह

टिंडीवाला गांव के प्रकाश सिंह ने कहा, ‘हम गेहूं की कटाई तो पूरी कर पाए, लेकिन गेहूं का भूसा इकट्ठा नहीं कर पाए, यह जानवरों के लिए बहुत ही जरूरी चारा है। अब सवाल यह है कि क्या बीएसएफ हमें ऐसा करने के लिए पूरा समय देगी, खासकर तब जब 1 जून से धान की रोपाई शुरू होने वाली है।’ बीएसएफ प्रोटोकॉल के अनुसार बाड़ पार करने वाले हर एक ट्रैक्टर के साथ दो किसान गार्ड होने चाहिए। इससे यह सीमित हो जाता है कि कितने किसान हर रोज अपने खेतों तक पहुंच सकते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के लिए सेना को किसानों ने बोला थैंक्यू

इससे एक चिंता यह भी होती है कि कुछ किसान समय की कमी की वजह से गेहूं की पराली जलाने के लिए मजबूर भी हो सकते हैं। गर्मियों में बीएसएफ सख्त निगरानी के तहत सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच बाड़ पार करने की इजाजत देती है। 220 गांवों के किसानों की करीब 21,600 एकड़ जमीन कंटीली तार की बाड़ और इंटरनेशनल बॉर्डर के बीच में मौजूद है। इनमें फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट और अमृतसर का नाम शुमार है। सभी किसानों ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सेना को थैंक्यू बोला है। इतना ही नहीं कई गावों ने तो पिछले हफ्ते जीत का जश्न भी मनाया था। मदरसों के बच्चों को पढ़ाया जाएगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’