शिव सेना नेता सुरेंद्र वाघालकर बीएमसी चुनाव 2017 में मिली हार के बाद कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने बीएमसी चुनाव को रद्द करने की गुहार लगाई है। दरअसल, बीएमसी चुनाव में वार्ड नंबर 220 में दो उम्मीदवारों के बीच टाई हो गया था। वह टाई शिव सेना नेता सुरेंद्र और बीजेपी नेता अतुल शाह के बीच हुआ था। टाई होने के बाद एक पांच साल की लड़की से लॉटरी के लिए पर्ची उठवाई गई। लड़की ने जिस पर्ची को उठाया उसपर अतुल शाह का नाम था। इसके बाद अतुल शाह को विजेता घोषित कर दिया गया। अब वाघलकर अपने वकील की मदद से कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने कोर्ट ने ईवीएम मशीन को खुलवाकर जांच करने की भी गुजारिश की है। वाघलकर का कहना है कि कुछ फर्जी वोट पड़े थे जिनको फाइनल काउंटिंग में हटाया जाना चाहिए।
जिन पांच वोटों की गिनती का जिक्र वाघालकर ने किया वह टेंडर्ड वोट थे जिनको सील करके रखा गया था। टेंडर वोट वे लोग डालते हैं जो शिकायत करते हैं कि उनकी जगह कोई और फर्जी वोट डाल गया है। इसके बाद उन लोगों से बैलेट पेपर पर वोट करवाया जाता है। उनको सील करके रखा जाता है। वाघालकर का कहना है कि फाइनल रिजल्ट सुनाए जाते वक्त टेंडर वोटों को नहीं गिना गया। उनके मुताबिक अगर ऐसा किया जाता तो नतीजे कुछ और होते।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार टेंडर वोटों की गिनती तब ही होती है जब उनको गिनने से फाइनल रिजल्ट पर कुछ प्रभाव पड़ा हो। अपने मामले का जिक्र करते हुए वघालकर ने कहा कि दोनों उम्मीदवारों के बीच अंतर कुल टेंडर वोट से कम है ऐसे में टेंडर वोट्स को गिना जाना चाहिए था।
कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई 20 मार्च तक के लिए टाल दी है। इसके अलावा राज्य के इलेक्शन कमिशनर, बीएमसी कमिशनर आदि को नोटिस भेज दिया गया है।

