केरल निकाय चुनाव में तिरुवनंतपुरम कॉरपोरेशन में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत को पार्टी के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है। खुद बीजेपी भी इस नतीजे से उत्साहित नजर आ रही है और अभी से विधानसभा चुनाव को लेकर बड़े दावे किए जा रहे हैं।

हालांकि, अगर चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो तस्वीर थोड़ी अलग दिखाई देती है। बीजेपी का प्रदर्शन मुख्य रूप से तिरुवनंतपुरम में ही मजबूत रहा, जबकि बाकी हिस्सों में पार्टी को अभी भी अपेक्षित सफलता नहीं मिली है।

चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, इस बार के निकाय चुनाव में एनडीए ने कुल 1,919 वार्ड जीते हैं। साल 2020 में यह आंकड़ा 1,597 था। इस बार एनडीए ने 26 ग्राम पंचायतों में बहुमत हासिल किया है, जबकि 2020 में यह संख्या 19 थी। यानी पार्टी के प्रदर्शन में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन यह इजाफा इतना बड़ा नहीं है कि राज्य की राजनीति के समीकरण पूरी तरह बदल जाएं।

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि निकाय चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी ने कुल 19,262 उम्मीदवार मैदान में उतारे, जबकि कांग्रेस ने 17,497 और सीपीएम ने 14,802 प्रत्याशी खड़े किए थे।

तिरुवनंतपुरम कॉरपोरेशन को छोड़ दें तो एनडीए कई जगह अपने वोटों को जीत में तब्दील नहीं कर पाई। कई वार्डों में बीजेपी को वोट तो मिले, लेकिन बहुमत तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं मिला। इस बार एनडीए के खाते में जो 1,919 सीटें आई हैं, उनमें भी ज्यादातर जीत बीजेपी को मिली। उसकी साथी भारत धर्मा जन संघ ने पांच वार्ड मिले हैं, यहां भी चार तो पंयाचत में हैं।

बीजेपी के प्रदर्शन की बात करें तो पार्टी ने जिन 93 नगर निकाय सीटों पर जीत दर्ज की है, उनमें से करीब 50 तिरुवनंतपुरम क्षेत्र से ही हैं। इसके अलावा, शेष 346 जिला पंचायत वार्डों में बीजेपी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई। जिला पंचायत वार्डों में भी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जबकि ये निकाय चुनाव राज्य की राजनीति में काफी अहम माने जाते हैं।

नगर पालिका वार्डों में बीजेपी ने कुछ जीत जरूर दर्ज कीं, लेकिन किसी भी अर्बन बॉडी में स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाई। तिरुवनंतपुरम म्युनिसिपालिटी में बीजेपी जरूर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसने 21 वार्ड अपने नाम किए। वहीं सीपीएम के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) 20 वार्डों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।

पलक्कड़ म्युनिसिपालिटी में भी बीजेपी ने एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन किया और 25 वार्ड जीतने में कामयाब रही। पूरे केरल निकाय चुनाव की बात करें तो यूडीएफ ने 6 में से 4 कॉरपोरेशनों में बहुमत हासिल किया। वहीं एलडीएफ, जिसने 2020 में 5 कॉरपोरेशन जीते थे, इस बार सिमटकर सिर्फ एक पर रह गए। हालांकि, तिरुवनंतपुरम कॉरपोरेशन में एनडीए ने 45 साल बाद लेफ्ट की सत्ता को खत्म कर एक बड़ा राजनीतिक संदेश जरूर दिया है।