त्रिपुरा में बिप्लब देब के नेतृत्व में बीजेपी गठबंधन की सरकार बन चुकी है। राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय जनता पार्टी को इतने वोट मिले हैं। शनिवार 2 मार्च को चुनाव परिणाम को ऐलान के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी काफी उत्साहित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी त्रिपुरा की जीत को ऐतिहासिक करार दिया। इस शानदार प्रदर्शन में जिस एक शख्स का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा वो नाम था राज्य बीजेपी प्रभारी सुनील देवधर का। जन्म से मराठी सुनील देवधर ने पिछले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर के राज्यों में पार्टी की ऐसी बिसात बिछाई कि त्रिपुरा में बाजेपी ने विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया। सुनील देवधर ने मंगलवार को मीडियी से कहा है कि त्रिपुरा में हिंदू भी बीफ खाते हैं इसलिए यहां पर बीफ बैन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां पर बहुसंख्यक आबादी बीफ खाती हो वहां इसपर बैन नहीं लग सकता।

इससे पहले त्रिपुरा में जीत पर सुनील देवधर ने हिंदी न्यूज़ चैनल आज तक से बात करते हुए बताया था कि राज्य में संगठन खड़ा करने के लिए उन्होंने खुद पर बहुत काम किया। सुनील देवधर ने कहा था कि उन्हें अपनी फूड हैबिट तक में भी बदलाव करना पड़ा। बीजेपी नेता ने बताया कि उन्हें यहां पोर्क यानि सूअर का मांस भी खाना पड़ा। बीजेपी के प्रदर्शन पर सुनील देवधर ने इस इंटरव्यू में बताया कि हमने यह करिश्मा कांग्रेस के उन्हीं हथियारों से किया जिसे कभी खुद कांग्रेस नहीं कर पाई। देवधर ने ये भी कहा कि राज्य का मौजूदा बीजेपी संगठन 90% कांग्रेस और तृणमूल कार्यकर्ताओं से ही बन पाया है।

बता दें कि बीजेपी ने त्रिपुरा में 25 साल पुराने सीपीएम के गढ़ को बुरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। वामपंथी शासन का खात्मा करते हुए धमाकेदार जीत दर्ज की है। 2013 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज डेढ़ फीसद वोट मिले थे जबकि इस बार 43 फीसद। बीजेपी की तरफ से बिप्लब देब को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है।