Gujarat Assembly Election: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) में एक सप्ताह का समय भी नहीं बचा है, ऐसे में राजनीतिक पार्टियां (Political Parties) लगातार गुजरात की जनता को रिझाने के लिए लोक लुभावने वादे कर रहीं हैं। अभी तक गुजरात में दो ही सियासी दलों का दबदबा रहा है कांग्रेस (Congress) और भारतीय जनता पार्टी (BJP)। कांग्रेस ने 8500 दिनों से कम समय तक गुजरात की सत्ता पर राज किया है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अब तक गुजरात की सत्ता पर 9500 से भी ज्यादा दिनों तक शासन किया है।
2017 में सबसे कम अंतर से जीती थी BJP
पिछले 27 सालों से बीजेपी (BJP) लगातार गुजरात की सत्ता पर काबिज (Rulling on Gujarat) है। ऐसे में गुजरात की सत्ता को में लगातार खुद को बनाए रखना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल होगा, तो वहीं कांग्रेस (Congress) बीते 27 सालों से गुजरात की सत्ता से बाहर है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2017) में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। ये 27 सालों के दौरान का वो पहला चुनाव था जब बीजेपी दहाई के आंकड़े में सिमट गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की कई सीटों पर जीत का अंतर महज 1000 से 3000 वोटों के बीच था।
आम आदमी पार्टी (BJP) इस बार तीसरी पार्टी गुजरात चुनाव (Gujrat Election) की रेस में
अब तक हुए गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) में मुकाबला सिर्फ दो ही पार्टियों के बीच होता था, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress)। इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) भी कदमताल करती हुए दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी पंजाब (Punjab) और दिल्ली (Delhi) की सत्ता पर शासन कर रही है। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ समय से लागातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं। दिल्ली और कांग्रेस की गद्दी पर आप के काबिज होने बाद हम गुजरात में आप को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।
बागी नेताओं (Rebel Leaders) पर बीजेपी (BJP) ने लिया कड़ा एक्शन
इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election) में कई बीजेपी नेताओ (BJP Leaders) को टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी और निर्दलीय उम्मीदवार (Independent Candidate) के तौर पर खड़े हो गए। इसके बाद बीजेपी (BJP) ने ऐसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। गुजरात में बीजेपी की सदस्यता से निलंबित होने वाले नेताओं में वाघोड़िया से मधुभाई श्रीवास्तव ,पादरा से दीनूभाई पटेल और वडोदरा जिले से कुलदीप सिंह राउल शामिल हैं। वहीं इनके अलावा पंचमहल जिले के शाहेरा से बी पागी, अरावली जिले से धवल सिंह झाला और मेहसाणा से राम सिंह ठाकोर को भी निलंबित कर दिया गया है। आणंद, बनासकांठा और महिसागर जिलों भी दो-दो नेताओं को निलंबित कर दिया गया है।