राजस्थान की राजधानी जयपुर में नगर निगम के चुनाव में मेयर का फैसला महज एक वोट से हुआ। यहां भारतीय जनता पार्टी के बागी विष्णु लाटा ने 45 वोटों के साथ जीत दर्ज की, वहीं भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार मनोज भारद्वाज को 44 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में एक वोट निरस्त भी कर दिया गया।
दो तिहाई बहुमत के बावजूद भाजपा को मुश्किलः 91 पार्षदों वाले जयपुर नगर निगम में भाजपा के 63 पार्षद हैं। ऐसे में साफ है कि बड़े स्तर पर भाजपा में अंदरुनी फूट देखी गई है।उल्लेखनीय है कि पूर्व मेयर अशोक लाहोटी हाल ही में सांगानेर क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। इसी के चलते यहां उपचुनाव हुए थे।
खाली कागज पर करवाए थे हस्ताक्षरः नतीजा आने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर अरविंद सारस्वत ने विष्णु लाटा को मेयर पद की शपथ दिलाई। नगर निगम में लाइसेंस कमेटी के चेयरमेन पद पर कार्यरत लाटा सांगानेर क्षेत्र से भाजपा के पार्षद हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन्होंने करीब दो दर्जन पार्षदों से खाली कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए थे। हस्ताक्षर करने वाले पार्षदों का कहना है कि उन्होंने उपस्थिति पत्र समझकर ऐसा किया था।
निगम चुनाव में भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्सः विधानसभा और राज्यसभा के साथ-साथ निगम चुनाव में भी सत्ता पाने के लिए जनप्रतिनिधियों को रिजॉर्ट में बंद करने का दौर शुरू हो गया है। सोमवार को भाजपा ने यहां सभी पार्षदों को एक रिजॉर्ट में रखा था लेकिन लाटा वहां से निकल गए। इसके बाद उन्होंने किसी से बातचीत नहीं की और सीधे नामांकन करने पहुंच गए।