बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का तीन दिवसीय तमिलनाडू दौरा रद्द हो गया है। इसकी जानकारी सोमवार को पार्टी के राज्य यूनिट द्वारा दी गई है। 22 से 24 अगस्त तक तमिलनाडू दौरे पर जाने वाले थे। अमित शाह के तमिलनाडू के इस दौरे के रद्द होने के पीछे दिल्ली में होने वाली एनडीए के सभी मुख्यमंत्रियों की होने वाली बैठक को बताया जा रहा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तमिलसाई साउंडर्राजन ने बताया कि अमित शाह की दिल्ली में कुछ जरुरी बैठके होनी हैं इसलिए उनका दौरा रद्द किया गया है। फिलहाल उनके तमिलनाडू के दौरे की नई तारीख तय नहीं हुई है। जैसे ही तारीख तय होगी तो सबको बता दिया जाएगा। इसस पहले अमित शाह का तमिलनाडू दौरा मई में होने वाले था लेकिन किन्हीं कारणों से उसे रद्द कर अगस्त में दौरा रखा गया था।
अमित शाह अपने तमिलनाडू के दौरे पर चेन्नई और कोयंबटूर के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले थे। यहां वे पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते और उनके साथ लंच भी करने वाले थे। बीजेपी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अभी से कमर कस रही है। देशभर में दौरा कर पार्टी अध्यक्ष अपनी पार्टी की जमीनी स्तर पर मजबूती देखेंगे। वहीं इससे पहले सीएम राज्य के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी का दौरा रद्द हुआ था। खबरे सामने आ रही है कि सोमवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के दोनों धड़ों के विलय की औपचारिक घोषणा हो सकती है, जिनमें से एक का नेतृत्व मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और दूसरे का पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम करते हैं। इन दोनों राजनेताओं के बीच अमित शाह ही बातचीत कराने वाले थे।
पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि विलय की औपचारिक घोषणा के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है और पन्नीरसेल्वम उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। उनके धड़े के कुछ अन्य सदस्यों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। आईएएनएस के अनुसार राज्यपाल सी.वी. राव (जो तमिलनाडु का अतिरिक्त प्रभार संभालते हैं) शपथ-ग्रहण समारोह के लिए यहां मौजूद रह सकते हैं। विलय की घोषणा से पहले पलनीस्वामी धड़ा एआईएडीएमके महासचिव वी.के. शशिकला के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि पार्टी के नियमों के अनुसार, महासचिव को किसी समिति या पार्टी पदाधिकारियों के एक समूह द्वारा प्रस्ताव पारित कर पद से हटाया नहीं जा सकता। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बाधा को दूर करने और पार्टी के मामलों के संचालन के लिए एक संचालन या सलाहकार समिति गठित की जाएगी, जिसमें दोनों धड़ों का प्रतिनिधित्व होगा। एआईएडीएमके के नेता ने बताया कि सलाहकार समिति के निर्णयों को जनरल काउंसिल से मंजूरी लेनी होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता को पार्टी की स्थाई महासचिव बनाए रखते हुए पार्टी महासचिव का पद समाप्त भी किया जा सकता है। ऐसा पार्टी के नियमों में संशोधन से ही किया जा सकेगा। लेकिन मुख्य सवाल यह है कि पार्टी के नियमों में संशोधन कर क्या इसके प्राथमिक सदस्यों को जो अधिकार है, उसे वापस ले लिया जाएगा? एआईएडीएमके के संविधान के अनुसार, पार्टी महासचिव का निर्वाचन सीधे प्राथमिक सदस्यों द्वारा किया जाता है। पार्टी के लगभग 1.5 करोड़ सदस्य हैं। पूर्व वित्त मंत्री सी. पोनियन, जो पन्नीरसेल्व गुट से हैं, ने रविवार को आईएएनएस से कहा, “इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।” पन्नीरसेल्वम गुट ने विलय के लिए जो एक महत्वपूर्ण शर्त रखी है, उनमें शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से बर्खास्त करना है।
पलनीस्वामी का धड़ा पहले ही शशिकला के भतीजे टी.टी.वी. दिनाकरन को पार्टी का उपमहासचिव बनाए जाने को ‘अनुचित, अस्वीकार्य व अवैध’ घोषित कर चुका है, जिसे दिनाकरन ने चुनौती दी है। इस बीच, विलय के बाद पन्नीरसेल्वम-पलनीस्वामी गुट को पार्टी का लोकप्रिय ‘दो पत्ती’ चुनाव चिह्न् वापस मिल सकता है, जिसे निर्वाचन आयोग ने जब्त कर रखा है। एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “जहां तक पार्टी मामलों का सवाल है, पन्नीरसेल्वम नंबर एक रहेंगे और पलनीस्वामी नंबर दो की स्थिति में रहेंगे। सरकार में पन्नीरसेल्वम को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है।”