मध्य प्रदेश में हर महीने की पहली तारीख को वंदेमातरम गाने पर रोक लगाने के फैसले पर घमासान मचा हुआ है। यह विवाद अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। वंदेमातरम गाने पर रोक के 24 घंटे बाद ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे कांग्रेस का शर्मनाक कदम बताया। हालांकि, सीएम कमलनाथ ने कहा कि वंदेमातरम को नए तरीके से गाया जाएगा। इसमें कर्मचारियों के साथ जनता भी शामिल होगी।
कांग्रेस पर लगातार हमले कर रही बीजेपी : अमित शाह ने कहा, ‘‘वंदेमातरम सिर्फ एक गीत नहीं है। यह देश के स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा है। इस पर प्रतिबंध लगाकर कांग्रेस ने देश के लिए कुर्बान होने वाले लोगों का अपमान किया है। एक आम भारतीय के लिए यह देशद्रोह के समान है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या वंदेमातरम गाने पर रोक लगाने का फैसला आपका है?’’ इससे पहले बीजेपी के जिलाध्यक्ष भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्रनाथ सिंह के नेतृत्व में बुधवार सुबह विधायक विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा समेत कई नेता मंत्रालय पहुंचे और वंदेमातरम गाया।
7 जनवरी को बीजेपी के सभी विधायक करेंगे वंदेमातरम : पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘विधानसभा सत्र के पहले दिन 7 जनवरी को बीजेपी के सभी विधायक सुबह 10 बजे मंत्रालय पहुंचेंगे। इसके बाद वे मंत्रालय के सामने बने मैदान में वंदेमातरम गाएंगे। इसके बाद ही विधानसभा जाएंगे। वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘सरकार को वंदेमातरम गाने पर रोक लगाने की वजह भी बतानी चाहिए। क्या सीएम कमलनाथ किसी दबाव में यह निर्णय ले रहे हैं?’’ बीजेपी सांसद आलोक संजर ने कहा, ‘‘कांग्रेसी गिरगिट से भी बड़े हैं। चुनाव के समय रंग कुछ और था। वहीं, रंग कैसे बदलते हैं यह कमलनाथ सरकार ने दिखा दिया है।
कमलनाथ ने किया अमित शाह पर पलटवार : कमलनाथ ने अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘वंदेमातरम अब बड़े पैमाने पर गाया जाएगा। इस आयोजन में कर्मचारियों के साथ जनता भी शामिल होगी। आजादी की लड़ाई के दौरान वंदेमातरम का अर्थ था, भारत मां को ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से मुक्त कराना। वहीं, आजादी के बाद भारत मां की वंदना का अर्थ है, किसानों की खुशियां, जो मैं कर्जमाफी और फसलों के दामों से सुनिश्चित कर रहा हूं। सुशासन के सुधार में जुटा हूं। सही अर्थों में प्रदेश की वंदना में लगा हूं। अर्थात वंदेमातरम कर रहा हूं।’’