दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक ओ पी शर्मा की उस याचिका पर दिल्ली विधानसभा से शनिवार (11 जून) को जवाब मांगा जिसमें उन्होंने आप विधायक अलका लांबा के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर दो सत्र के लिए अपने निलंबन को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह ने कहा कि यह मामला विधानसभा में ही सौहार्द्रपूर्ण ढंग से सुलझा लिया जाना चाहिए था। इसके साथ ही उन्होंने आगे की सुनवाई के लिए इसे ‘रोस्टर बेंच’ के समक्ष 28 जुलाई को सूचीबद्ध किया।
इस बीच अदालत ने छह हफ्ते के अंदर दिल्ली विधानसभा को जवाबी-हलफनामा दाखिल करने को कहा। शुक्रवार (10 मई) को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने दलील दी थी कि शर्मा ने यह कहकर अदालत को गुमराह किया है कि उन्हें अलका लांबा के खिलाफ टिप्पणी के लिए तीन बार निलंबित किया गया। शर्मा ने इस आरोप का खंडन किया।
अदालत ने शनिवार (11 जून) के आदेश में कहा कि निलंबन पर रोक के लिए शर्मा की अंतरिम याचिका ‘निष्फल हो गई है इसलिए इसकी मंजूरी नहीं दी जा सकती’ क्योंकि सत्र को शुक्रवार (10 जून) को ही समाप्त होना था। हालांकि दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार (10 जून) शाम एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया। अब सदन की बैठक सोमवार (13 जून) को भी होगी।