भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 35 हजार सिपाहियों की भर्ती बगैर लिखित परीक्षा के करने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए मंगलवार को कहा कि जिस राज्य में चतुर्थ श्रेणी के कुछ सौ पदों के लिए लगभग 23 लाख आवेदन आये हों, वहां बगैर लिखित परीक्षा के मेरिट पर सरकार कैसे चयन करेगी।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘सरकार मेरिट पर कैसे चयन करेगी कि अमुक अभ्यर्थी भर्ती का पात्र है और उसका फिजिकल टेस्ट किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पिछली सपा सरकार में पुलिस भर्ती प्रक्रिया विवादों में आयी थी। राज्य में भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर पहले से ही सरकार कटघरे में है।
पाठक ने कहा कि बेरोजगारों के साथ छल करने में जुटी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में पद रिक्त हैं, कार्य प्रभावित हो रहा है किन्तु ये पद पारदर्शी प्रक्रिया के तहत कैसे भरे जाएं, इसकी ना तो कोई नीति है और ना ही सरकार की नीयत प्रतीत होती है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छोटी नौकरियों में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने पर जोर देते हुए साक्षात्कार को खत्म करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर अखिलेश साक्षात्कार की बजाय लिखित परीक्षा ही खत्म करने में जुटे हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये इस फैसले की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया ‘‘बैठक में सिपाहियों की भर्ती के लिये तैयार नियमावली को अंतिम रूप दे दिया गया है और भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।’’