देश के कई शहरों के नामों में बदलाव के बाद इंदौर के नाम में परिवर्तन की बहस भी शुरू हो गई है। नगर निगम के पार्षदों के सम्मेलन में मंगलवार को एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी का नाम बदलकर ‘इंदुर’ किए जाने की मांग की गई है।
नगर निगम के सभापति अजय सिंह नरूका ने संवाददाताओं को बताया कि वॉर्ड क्रमांक 70 के भाजपा पार्षद सुधीर देड़गे ने ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए इस बैठक में कहा कि इंदौर का मूल नाम ‘इंदुर’ है। इसलिए शहर को इसी नाम से संबोधित किया जाना चाहिए।

नरूका ने बताया कि देड़गे से कहा गया है कि वह अपने दावे के समर्थन में ऐतिहासिक दस्तावेज पेश करें। इसके बाद विचार-विमर्श के आधार पर उनके प्रस्ताव पर उचित कदम उठाया जाएगा। देड़गे ने संवाददाताओं से कहा, “प्राचीन इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के कारण इस शहर का नाम इंदुर रखा गया था। लेकिन अंग्रेजों के गलत उच्चारण के कारण शहर का नाम इंदोर पड़ गया जो बाद में बदलकर इंदौर हो गया।” उन्होंने कहा कि इंदौर पूर्व होलकर शासकों की राजधानी रहा है और रियासत काल के कई ऐतिहासिक दस्तावेजों में भी इस शहर को ‘इंदुर’ ही बताया गया है।