वाराणसी की ज्ञानवापी, मथुरा के ईदगाह, आगरा का ताजमहल और दिल्ली की कुतुबमीनार समेत देशभर की अन्य मस्जिदों के अंदर मंदिर के दावे को लेकर एक अलग तरह की राजनीति चल रही है। जिसको लेकर राजनेताओं के बयान भी लगातार सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में यूपी की सलेमपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रविंद्र कुमार कुशवाहा ने AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है।

बीजेपी सांसद रविंद्र कुमार कुशवाहा ने कहा, ‘मस्जिद अगर मंदिर की जगह पर बनी है तो उसे उन लोगों को खुद ही हटा लेना चाहिए। हिंदुस्तान की मस्जिदें ओवैसी के पिता की नहीं है, बल्कि मुस्लिम धर्मावलम्बियों की हैं।

सांसद ने कहा कि 1991 के कानून को हम कभी भी खत्म कर सकते हैं। आक्रमणकारियों ने हमारे भगवान के मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई हैं। उसी जगह पर अब फिर मंदिर बनाया जाएगा। ताकि, फिर से हम अपने भगवान की पूजा कर सकें। उन्होंने कहा कि 1991 में लोकसभा के अंदर वर्शिप एक्ट आया था। इस वर्शिप एक्ट की दुहाई ओवैसी बार-बार देते हैं। उन्होंने कहा कि तो हम इस मामले में कह सकते हैं कि 1991 में नरसिम्हा राव की अल्पमत की सरकार थी। उसमें यह बिल पास हुआ था। भारत की संसद सर्वोच्च होती है। उस संसद के अंतर्गत कानून लाकर के कभी भी 1991 वर्शिप एक्ट को हम खत्म कर सकते हैं।

कुशवाहा ने कहा कि जहां हिंदुस्तान के अंदर हिंदू संस्कृति पैदा हुई। भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शिव का जनता को आशीर्वाद मिला। वो हमारे ईष्टदेव हैं, हमारे आस्था के केंद्र हैं। उन मंदिरों पर किसी तरह का आक्रमण करके अतिक्रमण करके उनके मंदिरों को ध्वस्त करके अगर मस्दिर बनाई गई तो निश्चित रूप से 1991 वर्शिप एक्ट को खत्म कर देना चाहिए और वहां पर मंदिर का पुन: निर्माण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम संसद में इस मुद्दे को जरूर लेकर आएंगे।

उन्होंने कहा कि इस कानून की आड़ में आकर के जो चाहते हैं पुराने आक्रमणकारियों ने आकर हिंदू धर्म की आस्था के केंद्र को नष्ट किया था, वह आस्था का केंद्र हमारा फिर से सम्मानित हो, अपने गौरव को प्राप्त करे।