सोमवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुई बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बीजेपी के सांसद नाना पटोले नदारद रहे। उनकी सरकार ने किसानों के लिए उतना नहीं किया, यह बयान देकर वह सुर्खियों में आ गए थे। बीजेपी के अंदर लोगों का दावा है कि महाराष्ट्र के गोंडिया से सांसद पटोले अपनी पार्टी से इस बात से खफा थे कि उसने एनसीपी को एनडीए में शामिल होने का न्योता दिया था। एनसीपी के नेता प्रफुल पटेल से लड़ाई होने के बाद 2014 के लोकसभा चुनावों में पटोले ने पटेल को मात दी थी।
बीजेपी के एक नेता ने दावा किया कि जब से पटोले को यह मालूम चला कि एनसीपी को एनडीए में शामिल होने का अॉफर दिया गया था, तबसे वह लड़ाई के मूड में थे। उन्होंने कहा, अगर एनसीपी एनडीए में शामिल हो जाती और अगर एनसीपी प्रफुल पटेल को कैबिनेट में पोस्ट नहीं भी दी जाती तब भी वह ज्यादा प्रभावी हो जाते। हालांकि इस मुद्दे को उठाकर कोई फायदा नहीं होता, वह किसानों द्वारा आत्महत्या और अन्य मुद्दों को उठा रहे थे। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी में न पहुंचने पर पटोले का कहना है कि मैंने इस समारोह में भाग इसलिए नहीं लिया, क्योंकि मेरे क्षेत्र में एक कार्यक्रम था। उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़े मुद्दों को उठाने का एनसीपी को एनडीए की ओर से न्योता दिए जाने की रिपोर्ट्स से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा, जब देवेंद्र फडणवीस सरकार का गठन हुआ था, तो एनसीपी ने सरकार को सपोर्ट देने का फैसला किया था, जबकि विपक्ष में शिवसेना थी। उन्होंने कहा, मैंने पहले भी पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ा है और मुझे इसकी परवाह नहीं है।
गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा पूरी तरह से राजनीति में वंशवाद व तुष्टिकरण का विरोध करती है और सिर्फ प्रदर्शन की राजनीति में विश्वास रखती है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने अध्यक्षीय संबोधन में अमित शाह ने कहा कि सरकार देश के लोगों की मुश्किलों को खत्म करने की तरफ काम कर रही है और आतंकवाद व भ्रष्टाचार से लड़ रही है।