Banwari Lal Dohre: भाजपा के सीनियर नेता और विधान परिषद सदस्य बनवारी लाल दोहरे का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। कई महीनों से उनका इलाज चल रहा था। उनके परिवार ने बुधवार को यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार 72 वर्षीय बनवारी लाल दोहरे के परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटे और एक बेटी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बनवारी लाल दोहरे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री योगी ने ट्विटर पर लिखा, ‘उ.प्र. विधान परिषद के सदस्य व वरिष्ठ भाजपा राजनेता श्री बनवारी लाल दोहरे जी का निधन अत्यंत दु:खद है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। ॐ शांति!’

सपा के गढ़ कन्नौज सदर सीट से तीन बार रहे विधायक

बनवारी लाल दोहरे ने विधान पार्षद से पहले तीन बार समाजवादी पार्टी के गढ़ कन्नौज सदर निर्वाचन क्षेत्र (Kannauj sadar constituency) से भगवा पार्टी का झंडा बुलंद करते हुए विधायक के रूप में काम किया था। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि दोहरे का पार्थिव शरीर कन्नौज लाया जा रहा है। बुधवार शाम को ही गंगा (Ganga) नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पहली बार 1991 में बने कन्नौज सदर से विधायक

बनवारी लाल दोहरे ने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान पहली बार 1991 के विधानसभा चुनाव में कन्नौज सदर सीट पर भाजपा का परचम लहराया था। इसके बाद वह लगातार तीन बार वहां से चुनाव जीत कर विधायक बने। विधानसभा चुनाव 2022 में कन्नौज सदर सीट से उनकी जगह आईपीएस अफसर रहे असीम अरुण को भाजपा ने टिकट दिया गया था। उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद भाजपा ने बनवारी लाल दोहरे को निर्विरोध जिताकर एमएलसी बनाया था।

आजम खान के बाद बेटे अब्दुल्ला की भी जाएगी विधायकी, क्या खत्म हो जाएगी परिवार की सियासत? देखें वीडियो

कन्नौज के आसपास बढ़ाया भाजपा का असर

बनवारी लाल दोहरे भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। बनवारी लाल दोहरे संगठन, पार्टी और सरकार के बीच बेहतर समन्वय में भी माहिर माने जाते थे। कन्नौज और आसपास के जिलों में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ मानी जाती थी। अनुसूचित जाति से आने वाले बनवारी लाल दोहरे ने कन्नौज और आसपास के जिलों में भाजपा का असर बढ़ाने में योगदान दिया था। उनके निधन से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में शोक की लहर फैल गई।