लखनऊ में बीजेपी के एक विधायक पर पुलिस के साथ मारपीट करने और एक आरोपी को पकड़ने से रोकने का आरोप लगा है। बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर से मारपीट के मामले में फरार चल रहे आरोपी प्रशांत मिश्रा को पुलिस खोज रही थी। शुक्रवार (23 अगस्त) को लखनऊ के झूलेलाल पार्क में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम था। इस दौरान चौकी प्रभारी अजय सिंह की ड्यूटी लखनऊ विश्वविद्यालय के मेन गेट पर थी। तभी उनकी नजर प्रशांत मिश्रा पर पड़ी। तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्होंने प्रशांत मिश्रा को दबोच लिया और उसे चौकी की तरफ ले जाने लगे। उसी समय बीकेटी से बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी वहां पहुंच गये। उनके साथ बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता थे। विधायक को देखते ही प्रशांत मिश्रा चिल्लाने लगा।
बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी ने पुलिस को उन्हें पकड़ने से रोका। इसके तुरंत बाद ही विधायक के गुर्गों ने पुलिस ऑफिसर पर हमला बोल दिया। विधायक के समर्थकों ने पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की और उनकी वर्दी पर लगे नेम प्लेट को उखाड़कर फेंक किया। चौकी प्रभारी बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ में अकेले फंस गये थे। इधर मौके का फायदा उठाकर प्रशांत मिश्रा पुलिस अधिकारी को धक्का देकर फारर हो गया। आरोप है कि विधायक अविनाश त्रिवेदी अपने समर्थकों को समझाने के बजाए चौकी प्रभारी को ही धमकाने लगे और बाद में अपने एसयूवी पर सवार होकर चले गये। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विधायक ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार करने का ये सही मौका नहीं था। विधायक ने कहा कि वे प्रशांत मिश्रा को नहीं जानते हैं। विधायक के मुताबिक वे अस्थि कलश यात्रा में शामिल होने गये थे और लौटते वक्त पुलिस और लोगों में विवाद होता देख मामले को सुलझाने गये थे।
वहीं इस मामले पर लगातार आ रही प्रतिक्रिया के बाद बीजेपी ने इस मामले की जांच की बात कही है। यूपी बीजेपी के प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी और इस केस में जो कोई भी दोषी होगा इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि चाहे कोई कितना भी ताकतवर क्यों ना हो, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।