भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ने पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की राज्यपाल से शिकायत की है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को लिखे पत्र में भाजपा नेता तरुण चुग ने लिखा है कि पंजाब में आज संवैधानिक संकट बना हुआ है। एक महीने से अधिक बीतने के बाद भी कांग्रेस सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने नए मंत्रालय का प्रभार नहीं संभाला है।
चुग ने पत्र में लिखा है कि नवजोत सिंह सिद्ध मंत्रालय से अनुपस्थित रहने के बावजूद वेतन उठाने के साथ ही अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। चुग ने कहा कि मैंने इस संबंध में पंजाब के हित में राज्यपाल से निर्णय लेने को कहा है। भाजपा नेता ने कहा, ‘यदि कोई मंत्री काम नहीं करना चाहता है तो किसी अन्य व्यक्ति को उसके मंत्रालय का काम देखना चाहिए। यदि वह काम नहीं कर रहा है और वेतन ले रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’
चुग ने पत्र में लिखा, ‘मैं आपका ध्यान पंजाब में पैदा हुए उस संवैधानिक संकट की तरफ आकृष्ट करना चाहता हूं जो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने गत एक महीने पूर्व किए गए मंत्रिमंडल के विभागों के फेरबदल के बाद उत्पन्न हुआ है।’ उन्होंने लिखा कि कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का विभाग बदल कर उनको ऊर्जा और नवीकरणीय जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया।
Tarun Chugh, BJP, on Navjot Singh Sidhu: I’ve written a letter to Punjab Governor. There is a constitutional crisis in Punjab today. It has been more than a month that a Minister, who took an oath to the office, is absent; though he’s drawing a salary & enjoying the perks.(08.09) pic.twitter.com/xz0UQBwdFA
— ANI (@ANI) July 9, 2019
कैबिनेट मंत्री सिद्धू ने एक महीना बीतने के बाद भी अपने मंत्रालय का प्रभार नहीं संभाला है। ऐसे में उन्होंने पंजाब की जनता के प्रति अपना दायित्व पूरा नहीं किया। भाजपा का कहना है कि इस अतिमहत्वपूर्ण मंत्रालय का काम पूर्णकालिक मंत्री के बिना ठप हो गया है। राज्य में अघोषित कट व बिजली की महंगी दरों से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
सरकारी खजाने पर बने बोझः पत्र में भाजपा तरुण चुग ने लिखा कि सिद्धू की अनुपस्थिति से जहा विभाग की कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है वहीं सिद्धू बिना सरकारी कार्य किए सभी सरकारी सुविधाओं का गलत ढंग से उपयोग कर सरकारी खजाने पर बोझ बन गए हैं। उन्होंने लिखा कि ऐसा पहली बार हुआ होगा कि सरकार का मंत्री खुलेआम मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन करने से मना कर रहा है।