समाजवादी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले नेता नरेश अग्रवाल को पत्रकार के सवाल पर इतना गुस्सा आ गया कि उन्होंने जवाब देने के बजाय उल्टा सवाल पूछ लिया। दरअसल, अग्रवाल ने जया बच्चन को लेकर की गई टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘अगर मेरी किसी बात से किसी को कोई ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।’ अग्रवाल के इस बयान के बाद पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि क्या वह जया बच्चन के ऊपर की गई टिप्पणी को लेकर माफी मांगेंगे? इस सवाल को लेकर पत्रकार पर नाराज होते हुए अग्रवाल ने कहा, ‘खेद शब्द का मतलब आप समझते हैं?’
आपको बता दें कि सोमवार को बीजेपी में शामिल होने के मौके पर अग्रवाल ने जया बच्चन को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। अग्रवाल का राज्यसभा कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है, लेकिन इस बार सपा ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया, वहीं पार्टी ने जया बच्चन को उम्मीदवार बनाया है। इस बात से नाराज अग्रवाल होते हुए अग्रवाल ने कहा कि सपा ने उनकी तुलना उस फिल्म अभिनेत्री से की जो ‘फिल्मों में नाचती थी।’ अग्रवाल ने कहा, “मेरी तुलना फिल्मों में काम करने वाले से की गई..मुझे फिल्मों में डांस करने और उसमें काम करने वालों के लिए नकारा गया। मुझे यह उचित नहीं लगा। किसी को यह ठीक नहीं लगा।” भाजपा में शामिल होने को ‘घर वापसी’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी उनसे चाहेगी, वह बिना शर्त करने के लिए तैयार हैं।
Khed shabd ka matlab aap samajhte hain?: BJP's Naresh Agrawal on the question 'if will he apologise for his earlier comment' pic.twitter.com/AHEku3elb0
— ANI (@ANI) March 13, 2018
अग्रवाल ने कहा कि उनकी तुलना फिल्मों में नाचने वाले लोगों के साथ की गई। हालांकि बीजेपी ने अग्रवाल के इस बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी हर क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का सम्मान करती है। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी इस टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह पार्टी में अग्रवाल का स्वागत करती हैं, लेकिन उनके द्वारा दिया गया बयान अस्वीकार्य है। सुषमा स्वराज ने अग्रवाल के टिप्पणी पर नाखुशी जाहिर करते हुए ट्विटर पर कहा, “श्री नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। उनका स्वागत है। हालांकि जया बच्चन के संदर्भ में उनकी टिप्पणी बिल्कुल अनुचित और अस्वीकार्य है।”

