अगले साल छ्त्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह एक्टिव नजर आ रहे हैं। इसके चलते उन्होंने राज्य में कई दौरे किए हैं। इस पर पार्टी ने उन्हें चेतावनी दी कि वह अपने दौरों को एकतरफा ना बनाएं। भाजपा के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी बीएल संतोष ने कहा कि रमन सिंह अपने दौरे के कार्यक्रम को एकतरफा न बनाएं बल्कि पार्टी संगठन के साथ मिलकर यह दौरे करें।

उनकी इस नसीहत से आशंका जताई जा रही है कि 2023 के चुनाव में पार्टी रमन सिंह को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के मूड में नहीं है। संतोष सिंह की इस टिप्पणी से रमन सिंह में नाराज हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में बेटे अभिषेक सिंह को टिकट ना दिए जाने को लेकर भी उन के मन में नाराजगी है।

सिंह ने राज्य के चुनिंदा पत्रकारों से बात की, जिसमें उनकी बातों से यह बात साफ जाहिर हुई। इस दौरान वह यह भी कहते हुए नजर आए थे कि वह एक राजपूत हैं और चुपचाप रहकर अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। हालांकि, बाद में जब वह शांत हुए तो उन्होंने जल्दबाजी में अपने मीडिया सलाहकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मीडिया उनकी टिप्पणियों को अपनी रिपोर्ट्स में ना छापे।

सीएम बघेल पर टिप्पणी कर चर्चाओं में थे रमन सिंह

इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर टिप्पणी कर रमन सिंह चर्चाओं में आ गए थे। उन्होंने सीएम को कांग्रेस और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का “एटीएम” बताया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि कोयला परिवहन के लिए 25 रुपये प्रति टन की ‘अवैध लेवी’ एकत्र की जा रही है। उनके इस बयान पर भूपेश बघेल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है।

उन्होंने कहा था कि या तो रमन सिंह को अपने आरोपों को साबित करना चाहिए या सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। नहीं तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।