दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने सोमवार को कहा कि हार के डर से भाजपा विकास का झूठा दिखावा बंद करने को मजबूर होकर मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए सांप्रदायिक कार्ड चल रही है। मेवानी उत्तरी गुजरात के वडगाम से कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं, जहां 14 दिसंबर को मतदान होना है। उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आॅफ इंडिया से 50 हजार रुपए का चेक लेने पर भाजपा सांप्रदायिक आधार पर उन पर निशाना साध रही है। लेकिन पार्टी को अपने अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की दौलत में बेतहाशा वृद्धि की वजह बतानी चाहिए।
मेवानी ने कहा, ‘‘क्या एसडीपीआई का किसी आतंकी संगठन या जिहादी समूह से कोई लेना-देना है, तो फिर क्यों अमित शाह, राजनाथ सिंह या नरेंद्र मोदी इतने साल तक चुप रहे? उन्होंने मुझे 50 हजार रुपए का चेक दिया। क्या इस पर सवाल उठना चाहिए या जय शाह की कमाई में 16 हजार गुना बढ़ोत्तरी पर?’’ मेवानी 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद अमित शाह के बेटे जय शाह की एक कंपनी के मुनाफे में बेतहाशा बढ़ोत्तरी के आरोपों का जिक्र कर रहे थे। भाजपा और अमित शाह के बेटे जय ने इस खबर को गलत और अपमानजनक बताते हुए खारिज कर दिया था।
35 साल के मेवानी ने कहा कि भाजपा उन्हें निशाना बना रही है क्योंकि चुनाव में उसका कोई एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की चाल काम नहीं करेंगी। गुजरात की जनता जानती है कि जिग्नेश मेवानी निष्कलंक ईमानदारी वाला व्यक्ति है।’’ मेवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री विजय रुपानी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके खिलाफ प्रचार में उताकर भाजपा अपनी घबराहट दिखा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जीत का भरोसा है। गुजरात में विकास का मुद्दा पीछे चला गया है क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा अंतिम उपाय के रूप में सांप्रदायिक कार्ड का इस्तेमाल कर रही है। यह अब अपना वास्तविक रंग दिखा रही है। महीनों तक वे विकास की बात करेंगे लेकिन आखिरी दौर में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करेंगे।’’