महाराष्ट्र में विधानसभा चनाव से पहले सियासी सरगर्मी बढ़ रही है। राज्य में मुख्यमंत्री पद भाजपा और शिवसेना दोनों में विवाद की वजह बना रहा है और दोनों पार्टियों से नेता गाहे बगाहे इस पर बोलते रहते हैं। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में रविवार (21 जुलाई) को कहा, ‘‘मैं सिर्फ भाजपा का ही नहीं बल्कि शिवसेना, आरपीआई, राष्ट्रीय समाज पक्ष (राज्य सरकार में सभी सहयोगी पार्टियों) का भी मुख्यमंत्री हूं। जनता यह निर्णय करेगी कि कौन अगला मुख्यमंत्री होगा। आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हमारा काम ही हमारे लिए बोलेगा।’’ फडणवीस ने आगे कहा, ‘‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं ही वापसी करूंगा।’’

फड़न वीस ने कहा, ‘‘कुछ लोग मुख्यमंत्री पद का मुद्दा उठा रहे हैं। उनके जाल में मत फंसिए। दोनों पार्टियों में ऐसे कई लोग हैं जो अनावश्यक बोलते रहते हैं।’’ इस बीच शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने रविवार शाम कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच कोई विवाद नहीं है। उन्होंने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है।’’ हालांकि उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। राउत ने फडणवीस के बयान पर भी टिप्पणी से इनकार कर दिया कि वह ‘भाजपा और शिवसेना के मुख्यमंत्री हैं’ और राज्य विधानसभा चुनाव के बाद वही इस पद पर वापसी करेंगे।

बता दें कि हाल में युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना की पसंद की बात कही गई। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा था, ‘‘जनता ही फैसला करेगी कि मैं इस पद पर काबिज होने के लिये तैयार हूं या नहीं। मैं इस बारे में नहीं बात कर सकता क्योंकि यही एकमात्र चीज है जो मेरे हाथ में नहीं है।’’ ठाकरे उत्तर महाराष्ट्र में अपनी ‘जन आशीर्वाद’ यात्रा के दौरान समाचार चैनलों को संबोधित कर रहे थे।