बरेली जिला काफी बड़ा होने के कारण भाजपा संगठन ने इसे दो हिस्सों में बांटकर बरेली और आंवला के अलग-अलग जिलाध्यक्ष बनाए हैं। पार्टी संगठन के जिले को दो हिस्सों में बांटने के बाद अब भाजपा विधायक आरके शर्मा ने बरेली जिले का विभाजन कर आंवला को अलग जिला बनाने की मांग शासन के समक्ष उठाई है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा है। जिले की आंवला तहसील मुख्यालय से काफी दूर होने के कारण यहां के लोग काफी समय से बरेली का विभाजन कर इसे अलग जिला बनाने की मांग करते रहे है।
तहसील के लोगों ने पूर्व में कई आंदोलन भी किए थे। अभी हाल ही में भाजपा संगठन ने जिले को दो भागो में बांटकर आंवला का अलग जिलाध्यक्ष वीर सिंह पाल को बनाया है। भाजपा के इस कदम से क्षेत्र के लोगों में एक बार फिर आंवला तहसील को जिला बनवाने की आकांक्षा जागी है। तहसील के लोगों की आकांक्षाओं को देखते हुए पूर्व में आंवला के विधायक रहे और वर्तमान में बदायूं के बिल्सी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक आरके शर्मा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर इसे अलग जिला बनाने की मांग को उठाया है।
इसमें कहा गया है कि जिला मुख्यालय से ज्यादा दूरी ही इस तहसील के विकास में बाधक रही है। तहसील का सिरौली कस्बा तो मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर है। आंवला का पुरातात्विक महत्व भी बहुत ज्यादा है। यहां महाभारत कालीन राजा द्रुपद का किला और जैन धर्म के प्रर्वतक पाश्वर्नाथ स्वामी की तपोस्थली है। बौद्ध धर्म से सम्बन्धित प्राचीन बौद्धस्तूप भी यहां मौजूद है। अपने पुरातत्व एवं पर्यटन के महत्व के कारण आंवला देश ही नहीं, बल्कि विश्व में प्रसिद्ध है। लेकिन संसाधनों के अभाव के कारण यहां पर्यटन का विकास नहीं हो सका है।
आंवला अलग जिला बनने पर यहां पर्यटन को बल मिलेगा। नया जिला बनने पर यहां आर्थिक संसाधनों की भी कोई कमी नहीं होगी क्योकि यहां इफ्को उर्वरक संयंत्र जैसे बड़े उद्योग पहले से मौजूद है। उन्होंने अपने ज्ञापन में यह भी कहा है कि आंवला को जिला बनाने के साथ ही सिरौली नगर पंचायत क्षेत्र को तहसील का दर्जा दिया जाए। भाजपा विधायक आरके शर्मा ने पत्रकारो ंको बताया कि आंवला को नया जिला बनाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता से विचार करने का उन्हें भरोसा दिया है।