बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का प्रचार जारी है। इस बीच एनडीए और महागठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर भी चर्चा शुरू हो चुकी है। हालांकि अलग-अलग दलों के अलग-अलग दावे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी भी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकती है। निषाद पार्टी की नजर यूपी की सीमा से सटी बिहार की विधानसभा सीटों पर है।
निषाद पार्टी चुनाव लड़ने की कर रही तैयारी?
हाल ही में निषाद पार्टी ने रविंद्र मणि निषाद को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया और उनके साथ मिठाई लाल और जनकनंदिनी निषाद को बिहार का सह प्रभारी बनाया। बिहार में निषाद समुदाय की आबादी करीब 5.5 फ़ीसदी है। या 2023 की बिहार जाति जनगणना के अनुसार है और वहां पर यह समुदाय EBC यानी अति पिछड़ा में आता है।
माना जाता है कि निषाद, मल्लाह, केवट, बिंद, कश्यप जैसी उपजातियां को मिलाकर इनकी संख्या 8 से 9 फीसदी तक पहुंच जाती है। ऐसे में अगर बिहार में एनडीए से अलग होकर निषाद पार्टी चुनाव लड़ती है, तो चुनाव दिलचस्प हो सकता है। बिहार की कई विधानसभा सीटों पर निषाद समुदाय की आबादी 20 फ़ीसदी तक है। हालांकि अति पिछड़ा पिछड़े 15 सालों से नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं।
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किन जिलों में निषाद समाज का दबदबा?
बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, भागलपुर और खगड़िया जैसे जिलों में कई निषाद बस्तियां बसी हुई है। ऐसे में चुनाव के लिए यह काफी अहम हो जाती है। बिहार में निषादों की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) कही जाती है, जिसके अध्यक्ष मुकेश सहनी हैं। वह खुद को मल्लाहों का नेता कहते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी VIP ने एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था और चार सीटों पर जीत भी हासिल की थी। इस बार वह महागठबंधन में हैं और 60 सीटों पर दावा कर रहे हैं।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं संजय निषाद
निषाद पार्टी के मुखिया डॉक्टर संजय निषाद हैं, जो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले ही अपनी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि पार्टी पूरे देश में विस्तार करेगी। वहीं उन्होंने पार्टी के कई अहम नेताओं के साथ मीटिंग भी की और बिहार चुनाव को लेकर चर्चा हुई।
निषाद पार्टी का मानना है कि बिहार में नदी के आसपास निषाद समाज की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में पार्टी अपनी उपस्थिति उन इलाकों में दर्ज करवा सकती है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद उत्तर प्रदेश में मत्स्य विकास मंत्री हैं। यह मंत्रालय मछली पालन से भी जुड़ा हुआ है, ऐसे में निषाद समुदाय उनकी तरफ आकर्षित हो सकता है।
कौन है निषाद समाज का नेता?
बिहार में अभी तक निषाद समुदाय का कोई बड़ा नेता उभरकर सामने नहीं आ पाया है। हालांकि पिछले कुछ सालों से मुकेश सहनी इस समुदाय को इकट्ठा कर इस समुदाय का नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार की अगर बात करें तो निषाद समुदाय का झुकाव एनडीए की ओर ही रहा है।