भाजपा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर जनता के धन का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश का उल्लंघन कर ‘व्यक्तिगत छवि निर्माण’ के उद्देश्य से विज्ञापन देने को लेकर शनिवार को रावत और सूचना व जन संपर्क विभाग के महानिदेशक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। 23 मई को कई समाचार पत्रों में सूचना व जन संपर्क विभाग के महानिदेशक द्वारा पूरे पेज का विज्ञापन दिए जाने का हवाला देते हुए भाजपा के प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि यह सब जनता के हित और कल्याण से संबंधित नहीं था। चौहान ने कहा, ‘समाचार पत्रों और मीडिया में विज्ञापन देना सरकार का विशेषाधिकार है और हमें इसको लेकर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन विज्ञापन निर्माताओं की सामग्री देखने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि यह जनता के हित से जुड़े किसी मामले से संबंधित नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री के राजनीतिक एजंडा को आगे बढ़ाने के लिए है और सीबीआइ के लिए भी अति महत्त्वपूर्ण है जिसने स्टिंग सीडी मामले के सिलसिले में सिर्फ एक दिन बाद उनसे पूछताछ की है।’ भाजपा नेता ने विज्ञापन को लेकर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच एजंसी द्वारा उनसे पूछताछ किए जाने से एक दिन पहले राज्य के लोगों से रावत की यह वस्तुत: ‘दया याचिका’ थी। नेता ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के ‘चुनावी पोस्टर’ जैसा दिख रहा है क्योंकि इसमें उन्हें ‘राजनीतिक रूप से खत्म किये जाने की साजिश से उबरते हुए दिखाया गया है।’

चौहान ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के इशारे पर सूचना व जन संपर्क विभाग के निदेशक द्वारा जारी किया गया यह विज्ञापन न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है बल्कि सीबीआइ के खिलाफ भी है। सुप्रीम कोर्ट ने जनता के पैसे से एक राजनेता के व्यक्तिगत छवि निर्माण के खिलाफ आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि इस विज्ञापन के परिणास्वरूप नई दिल्ली में सीबीआइ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। उन्होंने शांति के उल्लंघन को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ एक मामला दर्ज करने की मांग की। पार्टी जल्द ही कानून प्रवर्तन एजंसियों को विज्ञापन छापने को लेकर मुख्यमंत्री और सूचना व जन संपर्क विभाग के महानिदेशक के खिलाफ एक मामला दर्ज करने के वास्ते निर्देश देने के लिए राज्यपाल केके पॉल से मिलेगी।

विज्ञापन में दिख रहा है कि हाल में उत्तराखंड के राजनीतिक संकट के दौरान समर्थन करने के लिए रावत उत्तराखंड के देवी-देवताओं, जनता, अपने विधायकों और कांग्रेस के केंद्रीय व राज्य नेतृत्व को धन्यवाद दे रहे हैं। इसमें सीबीआइ जांच के दायरे में रावत को लाए जाने को लेकर उन्हें राजनीतिक रूप से समाप्त करने की ‘साजिश’ रचने और उत्तराखंड के लोगों की नजरों में उनकी छवि को गिराने की बात भी की गई है। चौहान ने बताया कि सूचना व जन संपर्क विभाग के महानिदेशक के खिलाफ जरूर मामला दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने विज्ञापन देने का आदेश दिया था। इससे देश की सर्वोच्च जांच एजंसी की अवहेलना हुई है और इस तरह वे राजनीतिक अभियान का हिस्सा हो गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एक सरकारी अधिकारी किस तरह सीबीआइ को गाली देने के एक राजनीतिक अभियान का हिस्सा हो सकता है।’