उत्तर प्रदेश के बिजनौर में खेत में काम कर रही महिला ने सोमवार की सुबह अचानक आए तेंदुआ से भिड़ गई। इस दौरान हमलावर बने तेंदुआ से उसने न केवल साहसपूर्वक संघर्ष करके 10 साल के अपने बच्चे को बचाया, बल्कि उसे खुद घायल होने के बाद भी उसे गांव से बाहर भगाने में भी सफल रही। हालांकि इस लड़ाई में महिला और उसका बच्चा गंभीर रूप से घायल गए। बच्चे को गंभीर हालत में मेरठ रेफर कर दिया गया था।
सुबह करीब पांच बजे गन्ने के खेत में आकर किया हमला
बिजनौर जिले के नगीना थाना क्षेत्र के जीतपुर गांव निवासी ओमप्रकाश की पत्नी सुबह-सुबह करीब पांच बजे बेटे टिकेंद्र के साथ गन्ने के खेत में काम कर रही थी। इस दौरान अचानक वहां एक तेंदुआ आ गया और बेटे टिकेंद्र पर हमला करके उसके गले को मुंह में दबा लिया। यह देख उसकी मां घबड़ा गई और गन्ना काटने वाली दरांती लेकर तेंदुआ से भिड़ गई। तेंदुआ बेटे टिकेंद्र को लगातार अपनी ओर खींच रहा था और दरांती से तेंदुएं पर वार कर उसको छुड़ाने के लिए जूझती रही।
पंजे के वार से मां को भी किया गंभीर रूप से घायल
खेत में काम कर रहे अन्य लोग वहां से भाग निकले, लेकिन मां अपने बेटे को तेंदुए से छुड़ाने के लिए साहसपूर्वक लड़ती रही। इस दौरान तेंदुए ने कई बार पंजे से वार कर मां को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। काफी देर तक जूझने के बाद तेंदुआ ने बेटे को छोड़ दिया और वहां से दूर भाग निकला।
बेटे को गर्दन से पकड़ने पर हुआ गहरा घाव
मां ने बताया कि तेंदुए ने बेटे को गर्दन से पकड़ा था। उसकी गर्दन पर गहरा घाव हो गया है। वहां से बहुत खून निकल रहा था। हमले और गर्दन दांत से दबाए रखने से बेटा बेहोश हो गया था। उसके पेट, हाथ, पैर पर भी चोटें थीं। बेटे को गोद में लेकर किसी तरह खेत से बाहर आई। उसके बाद कोई सवारी न मिलने पर पैदल ही उसको अस्पताल ले जाने लगी।
मां ने कहा कि कुछ दूर चलने पर एक रिक्शा दिखाई दिया। उसकी मदद से बेटे को अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद घर वालों को सूचना दी गई। तेंदुए के गांव में घुसकर बच्चे पर हमला करने की घटना से लोगों में दहशत है। फिलहाल मां और बेटे दोनों का इलाज चल रहा है।