बिहार के गया जिले में रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर को धमकी भरा पत्र मिला है। दावा किया जा रहा है कि ये पत्र नक्सलियों ने भेजा है। इस पत्र में कहा गया है कि अगर 10 दिनों के भीतर 20 लाख रुपये की लेवी नहीं भेजी गई तो स्टेशन को उड़ा दिया जाएगा। हालांकि इस पत्र को रेलवे और रेलवे पुलिस ने पूरी तरफ से फर्जी बताया है। ये पत्र झारखंड के एक कांग्रेस नेता के लैटरपैड पर भेजा गया है। फिलहाल स्टेशन पर सुरक्षा इंतजाम चौकस कर दिए गए हैं।

दरअसल, गुरुवार (25 अक्टूबर) को देर रात गया स्टेशन के स्टेशन मास्टर को एक पत्र मिला। ये पत्र झारखंड के एक कांग्रेस नेता के लेटरहेड पर लिखा गया था। पत्र में पते के तौर पर अनंत कुमार सिन्हा, भाकपा माओवादी संगठन, झारखंड बरमासिया श्मशानघाट रोड गिरिडीह लिखा हुआ था। पत्र में दावा किया गया था कि अगर रेलवे ने 10 दिनों के भीतर 20 लाख रुपये की रंगदारी अदा नहीं की तो स्टेशन को उड़ा दिया जाएगा। पत्र में ये भी धमकी दी गई कि रेलवे की मददगार गया पुलिस और झारखंड पुलिस कोई मदद नहीं करेगा। क्योंकि माओवादी पुलिसकर्मियों की हर तरह से मदद करते है। इस पत्र के मिलने के बाद स्टेशन मास्टर ने रेलवे थाने में नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

रेल डीएसपी सुनील कुमार ने मीडिया को बताया,”रंगदारी मांगने का मामला गलत है और स्टेशन उड़ाने की बात सही नहीं है। फिर भी रेल पुलिस अलर्ट है।” असल में रेलवे पुलिस मानती है कि किसी शरारती तत्व ने लेटर पैड गायब करके रेलवे को परेशान करने के लिए पत्र भेज दिया है। फिलहाल रेलवे पुलिस संबंधित कांग्रेस कार्यकर्ता से पूछताछ की तैयारी में है। जबकि पत्र पर लिखे हस्तलेख की जांच भी करवाई जाएगी। भेजे गए पत्र के संबंध में रेलवे पुलिस झारखंड पुलिस के भी संपर्क में है। रेलवे पुलिस, लेटर पर लिखे हुए गिरिडीह के पते की जांच में भी जुटी हुई है।

वहीं झारखंड के गिरिडीह थाने में पुलिस ने कांग्रेस नेता को थाने में बुलाकर पूछताछ की है। जांच में ये बात पता चली है कि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता का लेटरपैड गायब हो गया था। इसकी शिकायत गिरिडीह थाने में भी दर्ज करवाई गई थी। अब पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी हुई है। पत्र मिलने के बाद रेल डीएसपी सुनील कुमार, रेल इंस्पेक्टर रंजीत कुमार, प्रभारी थानाध्यक्ष सुनील कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर व सीआइबी इंस्पेक्टर ने गया रेलवे स्टेशन को अलर्ट कर दिया है। रेल डीएसपी ने कहा कि पत्र झूठा हो या सही, मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले लोगों को सुरक्षा दूं। गया रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यात्री और सफर पूरी तरह से सुरक्षित हैं।